टोक्यो। जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे (Former Japanese Prime Minister Shinzo Abe) का राजकीय अंतिम संस्कार (state funeral) आज टोक्यो में हुआ। इसमें दुनियाभर के 217 देशों के प्रतिनिधि शामिल होने के लिए टोक्यो पहुंचे। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने भी टोक्यो पहुंचकर आबे को अंतिम विदाई दी। ये दुनिया के सबसे महंगे अंतिम संस्कारों में से एक है। इसमें करीब 1.8 बिलियन येन यानी 97 करोड़ रुपये खर्च हुए। इसे सरकार के फंड से खर्च किया गया है।
इसी साल आठ जुलाई को शिंजो आबे की हत्या हुई थी। इसके बाद परिवार ने बौद्ध परंपरा के अनुसार 15 जुलाई को उनका अंतिम संस्कार कर दिया था। आज जो स्टेट फ्यूनरल यानी राजकीय अंतिम संस्कार हुआ है वो सांकेतिक है। इसमें आबे की अस्थियों को श्रद्धांजलि के लिए रखा गया। आबे की अंतिम विदाई के लिए दुनियाभर के 217 देशों से 750 से ज्यादा प्रतिनिधि पहुंचे। कुल 4500 से ज्यादा लोग पूर्व पीएम को श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे थे।
पहले एक बड़े से हॉल में आबे की अस्थियों को रखा गया। इसके बाद उनके परिवार के सदस्यों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। फिर जापान के प्रधानमंत्री और अन्य देशों से आए विदेशी प्रतिनिधियों ने पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस दौरान परिवार और पार्टी के कुछ सदस्यों ने आबे की जिंदगी से जुड़ी कुछ बातों को भी साझा किया।
इस अंतिम संस्कार में अमेरिका की उप राष्ट्रपति कमला हैरिस, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा 217 देशों से 750 से ज्यादा प्रतिनिधि पहुंचे। ताइवान, चीन, ऑस्ट्रेलिया, श्रीलंका के भी दिग्गज नेताओं ने इसमें शिरकत की। ज्यादातर देशों के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति या प्रधानमंत्री रहे। जिन देशों के राष्ट्राध्यक्ष नहीं पहुंचे, उनके यहां से कैबिनेट स्तर के मंत्री या राजदूतों को भेजा गया था। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ने भी शिंजो आबे को श्रद्धांजलि दी। इस तरह से पूर्व पीएम शिंजो आबे को विदाई देने के लिए करीब 4500 लोग जुटे थे।
टोक्यो के निप्पॉन बुडोकन में आयोजित राजकीय अंतिम संस्कार पर करीब 1.8 बिलियन येन यानी करीब 97 करोड़ रुपया खर्च हुआ है। इसको लेकर जापान में विरोध भी हो रहा है। लोगों का कहना है कि उनके टैक्स का पैसा इस तरह से अंतिम संस्कार में खर्च करना ठीक नहीं है।
ज्यादातर खर्च विदेशी मेहमानों की सुरक्षा और उनके ठहराव की व्यवस्था में खर्च हुआ है। वीवीआईपी श्रेणी के मेहमानों की सुरक्षा के लिए जापान के 20 हजार से ज्यादा सुरक्षाकर्मियों को लगायाा गया था। एकसाथ बड़ी संख्या में वीवीआईपी प्लेन के आने के चलते कई टेम्परेरी पोर्ट बनाए गए। अलग-अलग शहरों में विदेशी मेहमानों की फ्लाइट लैंड कराई गई और फिर हेलीकॉप्टर से उन्हें टोक्यो लाया गया। अभी खर्च का पूरा विवरण आना बाकी है।
शिंजो आबे के अंतिम संस्कार पर खर्च होने वाली रकम महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के अंतिम संस्कार पर खर्च हुई रकम से अधिक है। हाल ही में एलिजाबेथ का अंतिम संस्कार हुआ था। इसमें करीब 73.7 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। सरकार का कहना है कि आबे के राजकीय अंतिम संस्कार कार्यक्रम के लिए सुरक्षा, परिवहन एवं अन्य प्रबंधों पर करीब 1.18 करोड़ डॉलर का खर्च आया। 55 साल पहले पूर्व पीएम शिगेरू योशिदा का भी राजकीय अंतिम संस्कार हुआ था। तब भी स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया था।
दुनिया की पांच सबसे महंगे अंतिम संस्कार
1. रोनाल्ड रीगन
दुनिया की सबसे महंगे अंतिम संस्कार की बात करें तो ये अमेरिका में हुआ था। 2004 में मशहूर हॉलीवुड स्टार और अमेरिका के 40वें राष्ट्रपति रहे रोनाल्ड रीगन का निधन हुआ था। 11 जून 2004 को वॉशिंगटन डीसी में उनको अंतिम विदाई दी गई थी। तब लाखों लोग इसमें पहुंचे थे। रीगन का ताबूत दो दिन तक वॉशिंगटन डीसी में रखा गया। तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने एक दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया था। तब सरकारी, प्राइवेट संस्थानों के साथ-साथ स्टॉक मार्केट तक बंद हो गया था। बताया जाता है कि इसका खर्च भी स्टेट फ्यूनरल में जोड़ा गया।
2. नॉर्थ कोरिया के तानाशाह
ये बात 2011 की है। नॉर्थ कोरिया के तानाशाह और प्रमुख किम जोंग इल का दिल का दौरा पड़ने से निधन हुआ था। पूरे देश में 11 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित हुआ था। किम जोंग इल के अंतिम संस्कार पर 325.02 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। उनके पार्थिव शरीर को नॉर्थ कोरिया की राजधानी प्योंगयांग के कुमसुसान मेमोरियल पैलेस में कांच से बने कॉफिन में रखा गया था।
3. जॉन एफ कैनेडी
अमेरिका के 35वें राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी के अंतिम संस्कार में 121.88 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। ये भी दुनिया के सबसे महंगे अंतिम संस्कारों में से एक है। 22 नवंबर 1963 को टेक्सास के डलास शहर में कैनेडी की हत्या हो गई थी। कैनेडी को अमेरिका का सबसे लोकप्रिय नेता माना जाता था। कैनेडी का अंतिम संस्कार एरलिंग्टन नेशनल सिमिट्री में किया गया था। इस दौरान मेमोरियल ब्रिज से उनकी अंतिम यात्रा निकाली गई। इसमें लाखों लोग शामिल हुए थे।
4. पोप जॉन पॉल-II
कैथोलिक धर्म गुरु पोप जॉन पॉल-II का 2005 में निधन हो गया था। कई देशों में सात दिनों का राष्ट्रीय शोक घोषित हुआ था। अंतिम संस्कार में 200 देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए थे। इसमें करीब 70.86 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। पोप ने चर्च में सुधार के लिए भी कई बड़े कदम उठाए थे।
5. महारानी एलिजाबेथ और उनकी मां
2002 में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की मां महारानी एलिजाबेथ का निधन हो गया था। तब उनके स्टेट फ्यूनरल पर करीब 47.64 करोड़ रुपए ब्रिटिश सरकार ने खर्च किए थे। उनका पार्थिव शरीर वेस्टमिंस्टर हाल में रखा गया था। अभी हाल ही में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का भी निधन हो गया। उनके अंतिम संस्कार में करीब 73.7 करोड़ रुपये खर्च हुए।
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