नई दिल्ली: बीटी, वोडाफोन और ड्यूश टेलीकॉम जैसे यूरोप के सबसे बड़े टेलिकॉम ऑपरेटरों ने ग्लोबल स्ट्रीमिंग और इंटरनेट बूम के कारण बढ़ते खर्चे की वजह से नेटफ्लिक्स और अमेज़न जैसी टेक कंपनियों से कुछ पैसे देने की मांग की है.
अंतरराष्ट्रीय अखबार गॉर्डियन की रिपोर्ट के अनुसार, यूरोप की 16 टेलिकॉम कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की ओर से यह मांग तब की गई है, जब यूरोपीय आयोग एक परामर्श शुरू करने की तैयारी कर रहा है, जिसमें यह बात पर चर्चा की जाएगी कि क्या गूगल, फेसबुक, नेटफ्लिक्स और माइक्रोसॉफ्ट जैसी टेकनॉलिजी कंपनियों को उनके नेटवर्क पर भारी मात्रा में इस्तेमाल हो रहे इंटरनेट ट्रैफ़िक और इससे बढ़ती लागतों का भुगतान करने के लिए कहा जाना चाहिए.
अखबार में बताया गया है कि यूरोपीय दूरसंचार ऑपरेटरों की लॉबी ETNO के अनुसार, दुनिया भर में इस्तेमाल हो आधे से ज्यादा इंटरनेट ट्रैफ़िक का इस्तेमाल सिलिकॉन वैली की छह कंपनियों – Google, Facebook, Netflix, Apple, Amazon और Microsoft के जरिए होता है.
इसमें कॉल ऑफ़ ड्यूटी, एक्टिविज़न ब्लिज़ार्ड जैसे गेमिंग दिग्गजों को शामिल करने पर यह अनुपात 80% तक बढ़ जाता है. फिर नेटफ्लिक्स की हिट सीरीज ब्रिजर्टन और जेआरआर टॉल्किन की किताब पर आधार अमेज़न के द लॉर्ड ऑफ द रिंग्स: द रिंग्स ऑफ पावर जैसे शो की वजह से वीडियो स्ट्रीमिंग ऐप्स पर डेटा यूसेज काफी बढ़ गया है.
दूरसंचार प्रमुखों ने एक संयुक्त बयान में बताया गया है कि यूरोपीय दूरसंचार कंपनियां फुल-फाइबर ब्रॉडबैंड और 5G नेटवर्क के निर्माण और रखरखाव पर सालाना 50 अरब यूरो (यानी करीब 400 अरब रुपये) खर्च करती हैं.
इसके साथ ही रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण ऊर्जा संकट और चीज़ों की बढ़ती लागत, जैसे अकेले फाइबर ऑप्टिक केबल की कीमत ही इस साल दोगुनी हो गई है, से वित्तीय बोझ बढ़ रहा है. इस बयान में कहा, ‘हम मानते हैं कि सबसे बड़े ट्रैफिक जनरेटर को यूरोपीय नेटवर्क पर वर्तमान में लगाए गए बड़े खर्चों में उचित योगदान देना चाहिए.’
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