इन्दौर। ई-नगर पालिका के पोर्टल पर पिछले कई दिनों से नई एंट्री और संशोधन के कार्य के साथ-साथ राशि संशोधन कर जमा करने की प्रक्रिया का मामला उलझा हुआ है। इसी के चलते कई बकायादार राशि जमा करने तो पहुंच रहे हैं, लेकिन राशि जमा नहीं हो पा रही है, वहीं कई लोगों की राशि भी पोर्टल की गड़बड़ी के कारण बकाया बताई जा रही है।
हाल ही में नगर निगम राजस्व विभाग द्वारा कई बड़ी सम्पत्तियों के मामले में टीमों के माध्यम से पड़ताल कराकर उनके प्रकरणों में संशोधन कराया जा रहा है, क्योंकि कई जगह मौके पर सम्पत्ति ज्यादा है तो रिकार्ड में कम बताई गई। ऐसे मामले पिछलेे कई दिनों से बड़ी संख्या में सामने आए हैं। अब इनके सम्पत्ति कर खातों में संशोधन कर नए सिरे से टैक्स लगाने के साथ-साथ पैनल्टी भी लगाई जा र ही है, लेकिन ई-नगर पालिका के पोर्टल पर गडबडिय़ों के चलते यह काम पिछले 15 दिनों से ठप पड़ा है। नगर निगम अधिकारियों के मुताबिक पोर्टल पर नई एंट्री भी नहीं हो पा रही है और साथ ही डिफ्रेंस अमाउंट जमा करने पर वह एंट्री नहीं बता रहा है। इसके साथ ही नए लायसेंस और कई अन्य कार्य ठप पड़े हैं।
कैसी-कैसी गड़बड़ी, सम्पत्ति कर जमा है और बकाया बता रहा है
राजस्व विभाग के अफसरों के मुताबिक ई-नगर पालिका के पोर्टल पर कई गड़बडिय़ां सामने आ रही है। इनमें कई झोनलों के अंतर्गत बड़ी सम्पत्तियों के मामले में भी यह शिकायत आई हैं कि उनके पूर्व से सम्पत्ति कर भरे हुए हैं, लेकिन पोर्टल पर कई लोगों के सम्पत्ति कर बकाया बताए जा रहे हैं, जिससे कई बकायादार नगर निगम के चक्कर लगा रहे हैं। ऐसे मामले में सभी से पूर्व की रसीदें और अन्य दस्तोवज बुलाकर तहकीकत की जा रही है।
सुधार के लिए भोपाल से एक-दो दिन में आएगी टीम
ई-नगर पालिका का काम संभालने वाली भोपाल की कंपनी को मामले की जानकारी बता दी गई है और साथ ही नए लायसेंस नहीं बनने का मामला भी बताया गया है, जिसके चलते चार से पांच सदस्यीय टीम एक, दो दिन में इन्दौर आएगी और यहां के अधिकारियों के साथ बैठक में तमाम मुद्दों पर चर्चा होगी। भोपाल नगर पालिका निगम ने अपने स्तर पर खुद का साफ्टवेयर बना रखा है और इन्दौर नगर निगम इस मामले में अभी पिछड़ा हुआ है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved