वाशिंगटन। अमेरिका के सिखों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर 30 सालों से भारतीय जेलों में बंद सिख कैंदियों को रिहा करने का आग्रह किया है। मोदी को लिखे पत्र में अमेरिका के सिखों ने जेल से रिहाई के लिए एक समिति गठित करने और यह भी पता लगाने का आग्रह किया कि कितने सिख जेलों में बंद हैं। यह भी आरोप लगाया गया है कि इनमें काफी ऐसे भी है जो अदालत का आदेश पूरा करने के बावजूद जेलों में बंद हैं।
रविवार को एक कार्यक्रम में विदेश मंत्री एस जयशंकर को सौंपे गए पत्र में आरोप लगाया गया है कि 80 और 90 के दशक में कांग्रेस द्वारा बनाए गए उग्रवादी माहौल में पंजाब में राजनीतिक संचालित अपराध किए। उन पर टाडा और कांग्रेस शासन के अन्य आतंकवाद विरोधी कठोर कानूनों के तहत मामला दर्ज किया। सिक्ख्स ऑफ अमेरिका के अध्यक्ष जसदीप सिंह और कमलजीत सिंह सोनी के हस्ताक्षर वाले पत्र में कहा गया है कि हर साल अलग-अलग राजनीतिक दल वोट हासिल करने के लिए जेल में बंद सिखों की रिहाई का मुद्दा उठाते हैं। चुनाव के बाद यह मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है, कोई सुध नहीं लेता है।
अमेरिका के सिखों ने प्रधान मंत्री से इसकी जांच के लिए एक समिति बनाने और विभिन्न जेलों में बंद सिखों की संख्या का पता लगाने का आग्रह किया। यह आग्रह इसलिए भी किया गया है कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार विभिन्न मौकों पर सिखों और सिख गुरुओं के बलिदान दिवस को मनाती है। अमेरिका के सिखों ने लिखा कि हम आपसे अनुरोध करते हैं कि कृपया इन बंदी सिखों को क्षमा करें और क्षमा करें, जो पीड़ित हैं और 30 सालों से अधिक वर्षों से जेलों में हैं।
संयुक्त राष्ट्र महासभा की उच्च स्तरीय बैठक में हिस्सा लेने अमेरिका पहुंचे है विदेश मंत्री एस जयशंकर
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर संयुक्त राष्ट्र महासभा की उच्च स्तरीय बैठक के लिए न्यूयॉर्क पहुंचे हैं। इस दौरान वह संयुक्त राष्ट्र महासभा समेत कई बहुपक्षीय और त्रिपक्षीय बैठकों में हिस्सा लेंगे। जयशंकर यहां जी-4 समूह की एक मंत्रिस्तरीय बैठक की भी मेजबानी करेंगे। अमेरिकी वार्ताकारों के साथ द्विपक्षीय बैठकों के लिए 28 सितंबर तक वाशिंगटन की यात्रा पर रहेंगे।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved