भोपाल। राज्य सरकार जल्द ही खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग में खाद्यान्न परिवहन का काम ठेकेदारों से छीनकर बेरोजगारों को देने की तैयारी में है। सरकार जल्द ही मुख्यमंत्री युवा अन्नदूत योजना लागू करने जा रही है। इसमें युवाओं को 25 लाख रुपये तक का वाहन ऋण बैंकों से दिलाया जाएगा। एक लाख 25 हजार रुपये सरकार अनुदान देगी। इतनी ही राशि हितग्राही को मिलानी होगी। तीन प्रतिशत वार्षिक ब्याज अनुदान भी सरकार देगी।
प्रदेश में प्रतिमाह एक करोड़ 11 लाख परिवारों को दिए जाने वाले तीन लाख 13 हजार टन खाद्यान्न के परिवहन के काम से सरकार ठेकेदारों को बाहर करेगी। इनके स्थान पर युवाओं को परिवहन का काम दिया जाएगा। प्रदेश में युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए सरकार नए-नए क्षेत्र तलाश रही है। इसी कड़ी में खाद्यान्न् के परिवहन कार्य से युवाओं को जोड़ा जा रहा है। मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना के माध्यम से बेरोजगार युवाओं को वाहन खरीदने के लिए ऋण दिलाया जाएगा।
तय होंगे गांवों के रूट
इसके लिए अनुदान के साथ वार्षिक ब्याज अनुदान भी दिया जाएगा। वाहन मालिक को सुरक्षा प्रदान करने के लिए उससे सेंट्रल आफ इंडिया, राज्य नागरिक आपूर्ति निगम और हितग्राही के बीच अनुबंध कराया जाएगा। प्रतिमाह 11 से 30 तारीख के बीच आवंटित दुकानों पर उसे खाद्यान्न पहुंचाना होगा। यदि समय सीमा में खाद्यान्न नहीं पहुंचाया जाता है तो मासिक किराया राशि पर अधिकतम 30 प्रतिशत जुर्माना लगाया जा सकेगा।
उपार्जन का काम भी इन्हीं को मिलेगा
खाद्यान्न् दुकानों तक पहुंचाने के अलावा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी उपज के परिवहन का काम भी इनसे कराया जाएगा। योजना का लाभ 18 से 45 वर्ष के स्थानीय युवाओं को ही मिलेगा। परिवार की वार्षिक आय 12 लाख से अधिक होने, शासकीय सेवक या पेंशनर या अन्य स्वरोजगार योजना से लाभांवित व्यक्ति अपात्र होंगे।
98 ठेकेदारों का पास है प्रदेश का काम
प्रदेश में अभी 98 परिवहनकर्ताओं के पास पूरे प्रदेश की उचित मूल्य की राशन दुकानों पर खाद्यान्न् पहुंचाने का काम है। ये नागरिक आपूर्ति निगम के 223 प्रदाय केंद्रों से प्रतिमाह तीन लाख 13 हजार टन खाद्यान्न् लेकर प्रदाय करते हैं। इसके लिए इन्हें 65 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से भुगतान किया जाता है। इसमें आधी राशि केंद्र और आधी राज्य सरकार द्वारा दी जाती है।
आरक्षित वर्ग को मिलेगा विशेष लाभ
योजना में कुल 888 वाहन युवाओं को दिलवाए जाएंगे। इसमें 2011 की जनसंख्या के अनुसार वाहन उपलब्ध कराने के लिए आरक्षण के प्रविधान का पालन किया जाएगा। अनुसूचित जाति वर्ग के लिए 142, अनुसूचित जनजाति के लिए 178, अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 125 और अनारक्षित वर्ग के लिए 443 का कोटा रहेगा।
महेश्वर जल विद्युत परियोजना से अनुबंध समाप्त कर सकती है सरकार
कैबिनेट में महेश्वर जल विद्युत परियोजना से बिजली खरीदने के लिए 1994 और 1996 में मेसर्स श्री महेश्वर हायडल पावर कार्पोरेशन लिमिटेड के साथ हुए अनुबंध को निरस्त करने के प्रस्ताव पर निर्णय लिया जाएगा। ऊर्जा विभाग ने प्रस्तावित किया है कि कंपनी और मध्य प्रदेश विद्युत मंडल के बीच परियोजना के पुनर्वास एवं पुनस्र्थापना के कार्यों को लेकर जो अनुबंध 1997 में हुआ था, उसे और कंपनी को चार सौ करोड़ रुपये की जो गारंटी शासन ने दी थी, उसे भी निरस्त किया जाए।
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