मैसूर । राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) ने सोमवार को मैसूर में (In Mysore) विश्व प्रसिद्ध (World Famous) दशहरा उत्सव (Dussehra Festival) का शुभारंभ किया (Inaugurated) । उन्होंने देवी चामुंडेश्वरी के सामने (In front of Goddess Chamundeshwari) दीप प्रज्ज्वलित कर (Lighting the Lamp) पुष्पांजलि अर्पित की (Paid Floral Tributes) । दशहरे के अवसर पर कर्नाटक के लोगों को बधाई देते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, प्राचीन काल से ही त्योहार लोगों को आपस में जोड़ते रहे हैं। विविधता भारत के सम्मान को बढ़ाती है। कर्नाटक की आध्यात्मिक विरासत में बौद्ध धर्म, जैन धर्म की विरासत शामिल है। कलबुर्गी को सूफी संतों के केंद्र के रूप में जाना जाता है।
राष्ट्रपति ने 12वीं सदी के सामाजिक क्रांतिकारियों बसवन्ना, अल्लामा प्रभु, अक्का महादेवी को भी याद किया, जिन्होंने जाति व्यवस्था को मिटाने के लिए ‘अनुभव मंडप’ की स्थापना की थी। उन्होंने 900 साल पहले ‘वचन’ दिए थे, जो आज भी पूजनीय हैं। उन्होंने कहा कि 35 महिला कवियों ने वचनों में योगदान दिया था। उन्होंने कहा, नारी सशक्तिकरण प्रासंगिक है। यह राक्षसों को मारने वाली महिला देवता रही है। रानी अब्बक्का और रानी चेन्नम्मा ने विदेशी ताकतों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। ओनाके ओबव्वा (जिन्होंने कर्नाटक में चित्रदुर्ग किले पर आक्रमण करने की कोशिश करने वाले हैदर अली के सैनिकों को मार डाला) की वीरता को यहां के लोगों द्वारा याद किया जाता है। ये सभी महिला सशक्तिकरण के बेहतरीन उदाहरण हैं।
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि कर्नाटक पूरे देश में सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर उद्योग में 55 प्रतिशत एफडीआई हासिल करने में कामयाब रहा है। बेंगलुरु दुनिया का टॉप स्टार्टअप हब बन गया है। उन्होंने बारिश के प्रकोप का भी जिक्र किया और कहा कि सरकार स्थिति से निपट रही है। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि कर्नाटक पहला राज्य है, जहां मुर्मू राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालने के बाद दौरा कर रही हैं।
इस साल दशहरा के भव्य समारोह के लिए शहर को सजाया गया है। कोविड-19 के कारण पिछले दो सालों में समारोह का आयोजन नहीं किया गया था। राज्य सरकार ने औद्योगिक प्रदर्शनी, फिल्म महोत्सव, पुष्प प्रदर्शनी, भोजन मेला, देशी कुश्ती प्रतियोगिता का आयोजन किया है। मैसूर पैलेस को रोशनी से सजाया जा रहा है। दशहरा उत्सव सोमवार से नौ दिनों तक चलेगा।
दशहरा, नवरात्रि और विजयदशमी का त्योहार बुराई पर अच्छाई का प्रतीक है। हिंदू किंवदंती के मुताबिक देवी चामुंडेश्वरी (दुर्गा) ने राक्षस महिषासुर का वध किया था। यह भी कहा जाता है कि महिषासुर वह राक्षस है, जिसके वध को देवी ने मैसूरु नाम दिया था। विजयनगर साम्राज्य के पतन के बाद मैसूर में त्योहार को भव्यता और धूमधाम से मनाने की पुरानी परंपरा है। इस परंपरा की शुरूआत राजा वोडेयार ने सितंबर 1610 के मध्य में श्रीरंगपटना शहर में की थी।
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