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    गाँधी जयंती को होगी जेल से 52 कैदियों की रिहाई

    September 26, 2022

    • 4 विशेष अवसरों पर कैदियों को रिहा किया जाएगा-अच्छे आचरण के कारण सजा में माफी मिलेगी

    उज्जैन। प्रदेश की 11 सेंट्रल जेलों में लंबे समय से आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे 500 कैदियों के लिए 2 अक्टूबर गांधी जयंती की सुबह नई रोशनी की किरण लेकर आएगी। प्रदेश के जेल उपमहानिदेशक मंशाराम पटेल ने बताया कि राज्य सरकार ने बलात्कार, आतंकवाद, नक्सलवाद जैसे अपराधों के दुर्दांत अपराधियों को पैरोल का लाभ नहीं दिया जाएगा।

    सेंट्रल जेल से 52 कैदी छोड़े जाएंगे, 4 अपील के कारण अटके
    जेल मुख्यालय भोपाल से मिले आदेश के बाद अब प्रदेश की सभी 11 सेंट्रल जेलों में आजीवन कारावास की सजा काट रहे बंदियों को रिहा किए जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। पूर्व में जेल मुख्यालय कैदियों को रिहा करता था। अब राज्य सरकार की अनुशंसा पर कैदियों को रिहा किया जाएगा। लगभग 500 बंदियों को इस बार छोड़ा जा रहा है। सरकार पूर्व में 15 अगस्त, 26 जनवरी को कैदियों को छोड़ती थी। अब साल में 4 बार कैदियों को रिहा किया जाएगा। 2 अक्टूबर के अलावा अब 14 अप्रैल बाबा साहेब आंबेडकर जयंती पर भी बंदियों को आजाद किया जाएगा। सेंट्रल जेल अधीक्षक उषा राजे के अनुसार 40 कैदियों को छोडऩे का प्रस्ताव भोपाल भेजा गया है और इनमें कुछ कैदी ऐसे भी हंै, जिनके मामले अपील में अटके हुए हैं, जिन्हें रिहाई के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा। फिलहाल यह खबर मिलने के बाद कैदियों कोई उम्मीद बंधी है कि चार बार सजा माफी का लाभ मिलने से उनका भी नंबर लग सकता है।


    प्रदेश में 49 हजार कैदी
    प्रदेश की 11 सेंट्रल तथा 50 जिला जेलों में 48 हजार 679 कैदी सजा काट रहे हैं। इनमें 15 हजार से ज्यादा कैदी आजीवन कारावास वाले हैं। 20 हजार 479 दंडित बंदी हैं, जिनमें 1066 महिलाएं भी हैं। बताया जा रहा है कि 28150 विचाराधीन कैदी हैं।

    कैदियों को 72 रुपए पारिश्रमिक
    जेल में सजा काट रहे कैदियों को 72 रुपए के हिसाब से प्रतिदिन पारिश्रमिक मिलता है, जो उन्हें जेल से रिहा होने पर दे दिया जाता है। इस बार भी 30-35 लाख रुपए सेंट्रल जेल में बंद बंदियों को रिहाई वाले दिन दिए जाएंगे।

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