नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) ने आतंकवाद (terrorism) के मसले पर चीन और पाकिस्तान (China and Pakistan) पर शनिवार को परोक्ष निशाना साधते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र में घोषित आतंकवादियों का बचाव (defense of terrorists) करने वाले देश न तो अपने हितों और न ही अपनी प्रतिष्ठा को ध्यान में रख रहे हैं। जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly-UNGA) के सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि कभी-कभी घोषित आतंकवादियों का बचाव करने की हद तक यूएनएससी 1267 प्रतिबंध व्यवस्था का जो राजनीतिकरण करते हैं, वे अपने जोखिम पर ऐसा कर रहे हैं।
विदेश मंत्री ने कहा, वर्ष 2022 भारत की यात्रा में एक मील का पत्थर है। भारत अपनी आजादी के 75 साल मना रहे हैं, जिसे हम आजादी का अमृत महोत्सव कह रहे हैं। उस दौर की कहानी लाखों भारतीयों के परिश्रम, दृढ़ संकल्प और उद्यम की है।
भारत जीरो टॉलरेंस का वकालत करता है
जयशंकर ने अपने संबोधन के दौरान आतंकवाद के मुद्दे पर भी अपनी बात रखी है। उन्होंने आतंकवाद पर निशाना साधते हुए कहा कि दशकों से सीमा पार आतंकवाद का खामिजाया भुगतने के बाद भारत जीरो टॉलरेंस की वकालत करता है। कोई भी बयानबाजी खून के धब्बे को कवर नहीं कर सकती है। संयुक्त राष्ट्र अपने अपराधियों को प्रतिबंधित करके आतंकवाद का जवाब देता है।
यूक्रेन पर एक बार फिर भारत की स्थिति स्पष्ट की
विदेश मंत्री ने कहा, यूक्रेन संघर्ष को लेकर हमसे पूछा जाता है कि हम किसके पक्ष में हैं और हमारा जवाब हर बार सीधा और ईमानदार होता है। भारत शांति के पक्ष में है। हम उस पक्ष में हैं जो बातचीत और कूटनीति को ही एकमात्र रास्ता बताता है। इस संघर्ष का शीघ्र समाधान खोजने के लिए संयुक्त राष्ट्र के भीतर और बाहर दोनों जगह काम करना हमारे सामूहिक हित में है।
यूक्रेन संघर्ष ने आर्थिक दबाव को बढ़ा दिया
विदेश मंत्री ने कहा, यूक्रेन में जारी संघर्ष ने विशेष रूप से भोजन और ऊर्जा पर आर्थिक दबाव को और बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा, भारत शांति का पक्षधर है और हमेशा इसका पैरोकार रहेगा। हम उस पक्ष में हैं जो बातचीत और कूटनीति को एकमात्र रास्ता बताता है।
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