नई दिल्ली: उत्तराखंड के अंकिता हत्याकांड में नया मोड़ आ गया है. अंकिता के पिता विरेंद्र सिंह भंडारी ने इस मामले में पुलिस पर दबाव बनाने का आरोप लगाया है. इसी के साथ उन्होंने अंकिता के हत्यारोपियों के लिए फांसी की मांग की है. उन्होंने कहा कि 19 सितंबर को उन्हें बेटी के गायब होने की खबर मिली थी. उसके बाद वह यहां पहुंचे और पुलिस को शिकायत दी, लेकिन उस समय पुलिस ने उनके पक्ष में रिपोर्ट नहीं लिखी. बल्कि इस मामले को आरोपी के पक्ष में दबाने का प्रयास किया गया.
इस मामले में उन्होंने पुलिस के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की है. इसके साथ ही उन्होंने हत्यारोपियों के लिए फांसी की मांग की है. बेटी की तलाश में थाने से लेकर रिसॉर्ट तक और सरकारी कार्यालयों के चक्कर काट रहे विरेंद्र सिंह भंडारी ने बताया कि उनकी बेटी रिसॉर्ट में काम करने के लिए 28 अगस्त को आई थी. इसके बाद उन्हें 19 सितंबर को किसी ने बताया कि उनकी बेटी लापता हो गई है. इस सूचना पर उनके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई. वह तत्काल यहां पहुंचे और बेटी की तलाश शुरू की.
उन्होंने बताया कि इस संबंध में उसी दिन उन्होंने रिसॉर्ट मालिक के खिलाफ पुलिस में तहरीर दी थी. लेकिन पुलिस ने उनकी तहरीर पर मुकदमा दर्ज नहीं किया. बल्कि आरोपियों के पक्ष में पुलिस ने अपनी ओर तहरीर लिखवाया और रिपोर्ट दर्ज किया. उन्होंने संबंधित पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. वहीं शनिवार को अंकिता का शव बरामद होने के बाद विरेंद्र सिंह भंडारी ने तीनों आरोपियों के लिए फांसी की मांग की.
पिता ने बताया दर्द
पिता विरेंद्र सिंह भंडारी ने बताया कि उनकी बेटी जीवन में काफी आगे जाना चाहती थी. वह होटल मैनेजमेंट में ही अपना करियर बनाना चाहती थी. अभी तो उसकी यह शुरूआत थी, लेकिन आरोपियों ने यहीं से उसके करियर के साथ उसकी जिंदगी भी खत्म कर दी. पीड़ित पिता ने बताया कि उनकी बेटी हमेशा कहती थी कि जल्द ही अच्छा कमाने लगेगी. इससे वह वह घर के आर्थिक संकट को खत्म करने में पिता को सहयोग कर पाएगी. परिवार वालों को भी उससे काफी उम्मीद थीं. लेकिन अब सबकुछ खत्म हो गया.
गिरफ्तार हो चुके हैं तीनों आरोपी
उधर, पुलिस ने बताया कि अंकिता मर्डर केस को अंजाम देने वाले तीनों आरोपी पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं. पुलिस की पूछताछ में तीनों आरोपियों ने पूरी वारदात कबूल कर ली है. उनकी निशानदेही पर पुलिस ने अंकिता का शव भी बरामद कर लिया है. इसी क्रम में पुलिस व प्रशासन ने अवैध रूप से निर्मित उसके रिसॉर्ट को भी देर रात ढहा दिया.
पिता और भाई पर भी गिरी गाज
जानकारी के मुताबिक अंकिता मर्डर केस की गाज केवल तीनों आरोपियों पर ही नहीं, बल्कि मुख्य आरोपी पुलकित आर्य के पिता और भाई पर गाज गिरी है. उसके पिता बीजेपी के पुराने नेता थे. वह बीजेपी के बैनरतले चुनाव जीत कर विधायक और राज्य मंत्री भी बने थे. उन्हें पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है. इसी प्रकार पुलकित के भाई डॉ. अंकित आर्य इस समय पिछड़ा वर्ग आयोग में उपाध्यक्ष पद पर थे. उन्हें भी इस पद से हटाते हुए राज्यमंत्री का दर्जा छीन लिया गया है.
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