मैहर/ जबलपुर। हमेशा विवादित सुर्खियों में बने रहने वाला केजेएस सीमेंट चाहे वह श्रमिकों के हाक मारने की बात हो या किसानों के शोषण करने का मामला हो शहर में प्रदूषण और अपने हिटलर साहिर रवैया के अंदाज में श्रमिकों से बंधक मजदूरी कराने वाला सीमेंट फैक्ट्री वहां पर काम करने वाले मजदूरों को अंग्रेजों के शासन की तरह गुलामी करा कर काम कराने का मामला हमेशा सुर्खियों में रहा है। मजदूरों को कम भुगतान करना उन्हें उनकी मेहनत का हाक देना, बीमा योजना, पीएफ जैसे कई मामलों का पैसा स्वयं हड़प करके करोड़पति बने पवन आहलूवालिया के कारनामे कई ऐसे हैं। जिनकी कहानी लिखी जाए तो शायद एक पुस्तक ही बन जाए। देखा जाए तो विवादों में रहने वाला केजेएस सीमेंट फैक्ट्री हादसों का गढ़ बना रहता है, जहां पर कई श्रमिक ओं की जान तक जा चुकी है। अभी वीगत दिनों भी दो श्रमिक बहुत बुरी तरह से हादसे का शिकार हुए थे जिनका उपचार अस्पताल में चल रहा है। अब वह दोबारा पैर पर खड़े हो पाएंगे या नहीं यह कह पाना भी संभव नहीं है और इतना ही नहीं श्रमिकों की आवाज बुलंद करने वाले नेता की 20 सितंबर 2022 को रात करीब 10 से 11 के बीच फैक्ट्री प्रबंधन के इशारे पर श्रमिक नेता के ऊपर कातिलाना हमला किया गया जिन्हें घायल अवस्था में मैहर सिविल अस्पताल लाया गया। जहां से सतना रेफर कर दिया गया।
जबलपुर के निजी अस्पताल में ली आखिरी सांस
जानकारी अनुसार सतना में श्रमिक नेता की हालत नाजुक बताई गई और उसे उपचार के लिए जबलपुर भेज दिया गया जहां पर मेट्रो हॉस्पिटल जबलपुर में उसका इलाज चल रहा था और बीती रात उसने आखिरी सांसे ली। श्रमिक नेता मनीष शुक्ला पिता प्रहलाद शुक्ला 32 वर्ष निवासी नकतारा जो पिछले 8 वर्षों से केजेएस सीमेंट फैक्ट्री में फिटर के पद पर टेक्नीशियन के रूप में काम कर रहे थे और हमेशा ही श्रमिकों की आवाज और उनके हक की लड़ाई को लेकर आवाज बुलंद करते थे। उनके श्रमिकों के प्रति इस लोकप्रियता के कारण व श्रमिक नेता बन गए लेकिन फैक्ट्री प्रबंधन को उसी दिन से यह नजर में खटक ने लगे जब इन्हें मजदूर संघ का नेता बनाया गया और उसके बाद उन्होंने हमेशा श्रमिकों के हक की आवाज उठाई और उनको न्याय दिलाने के लिए हर लड़ाई लडऩे को आगे रहे। प्रबंधन और ठेकेदारों ने रचा षडिय़ंत्र!श्रमिक नेता का यह रवैया फैक्ट्री प्रबंधन और वहां पर कुछ ठेकेदारों को पसंद नहीं था, जिसको लेकर पिछले कई दिनों से उसके ऊपर हमले करने की योजना बनाई जा रही थी। लेकिन अंतत: एक बार फैक्टरी प्रबंधन पवन आहलूवालिया के इशारे पर उनके पाले हुए प्यादे ने उसके ऊपर कातिलाना हमला मौका देख कर रात को कर दिया, जिससे उसे गंभीर चोट आई और उसकी मौत हो गई। लेकिन देखना यह होगा कि श्रमिकों की आवाज को दबाने के लिए फैक्ट्री प्रबंधन अभी और कितने लोगों के खून से होली खेलेगा। आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में सुबह पोस्टमार्टम किया गया । उसके बाद पार्थिव शरीर मेहर ले जाया जाएगा जहां पर फैक्ट्री प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी की मांग को लेकर काफी सारे श्रमिक हड़ताल और विरोध प्रदर्शन भी दर्ज करा सकते हैं। पुलिस ने इस मामले पर गंभीरता दिखाते हुए जांच कर रही है और सुरक्षा के कड़े इंतजाम भी कर लिए गए हैं थाना प्रभारी संतोष तिवारी ने कहा कि आरोपियों की तलाश की जा रही है और इस मामले में जल्द ही गिरफ्तारी कर मामले का खुलासा भी किया जाएगा।
अग्निबाण ने किया था खुलासा
जानकारी हो कि केजेएस सिमेंट प्लांट को लेकर पूर्व में भी अग्निबाण द्वारा लगातार तथ्यों के साथ समाचार प्रकाशित किए गए थे। लेकिन इसके बावजूद भी जिम्मेदारों द्वारा केजे एस सिमेंट प्लांट के प्रबंधन पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई। जिसके कारण आए एक श्रमिक नेता को भी अपनी जान गवानी पड़ी।
श्रमिक नेता की हत्या एक सुनियोजित साजिश
केजे एस सिमेंट प्लांट का श्रमिक नेता मनीष शुक्ला जो सीटू यूनियन के माध्यम से लगातार श्रमिक हित में प्रबंधन के सामने आवाज उठाते एवं जायज मांगों के समर्थन में संघर्ष करते थे। विगत दिनों कार्य से वापस लौटते समय रात दस बजे के लगभग बाईपास पर कुछ लोगों ने मनीष शुक्ला पर प्राण घातक हमला किया और उस नौजवान श्रमिक नेता की इलाज के दौरान आज रात जबलपुर में निधन हो गया। ये बहुत दुखद और अमानवीय घटना है जिसने एक नौजवान होनहार नेता को हम सबसे छीन लिया इस घटना के पीछे जो जन चर्चा है उसमें बहुत बडी साज़िश की बू आ रही है और कही न कही प्रबंधन के जिम्मेवार अधिकारी और अन्य ईसमें लिप्त है। यदि यह साज़िश में प्रबंधन के कोई भी लिप्त है तो उनको इसका परिणाम भुगतना होगा।
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