नई दिल्ली: अशोक गहलोत ने राजस्थान के मुख्यमंत्री पद के लिए स्पीकर सीपी जोशी के नाम की सिफारिश की है. यह जानकारी सूत्रों के हवाले से सामने आई है. इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सीएम पद के लिए राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के नाम की सिफारिश की है. जानकारी के मुताबिक अशोक गहलोत ने बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी.
जिसके बाद उन्होंने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) का चुनाव लड़ने का संकेत दिया था. जिसके बाद माना जा रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस में उनका मुकाबला शशि थरूर के साथ होगा. खबर के मुताबिक राजस्थान सरकार का आखिरी बजट पेश करने के लिए अशोक गहलोत फरवरी के आखिर तक सीएम बने रह सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक सीएम अशोक गहलोत ने राज्य के अगले मुख्यमंत्री के लिए स्पीकर सीपी जोशी के नाम की सिफारिश की है.
गहलोत-सीपी जोशी के बीच रिश्ते नहीं थे ठीक!
हालांकि सीपी जोशी और अशोक गहलोत के बीच रिश्ते पहले खटास भरे थे, लेकिन जून 2020 में सीपी जोशी ने अशोक गहलोत की सरकार बचाने में मदद की थी. जिसके बाद उनके बीच नजदीकियां बढ़ गईं. जिस समय बागी विधायक मानेसर में रह रहे थे, तब सीपी जोशी ने पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट समेत कांग्रेस के 19 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने का नोटिस जारी किया था. अशोक गहलोत से मुलाकात के बाद सोनिया गांधी ने उनसे कहा कि पार्टी का राष्ट्रपति चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष होगा.
सोनिया गांधी ने अशोक गहलोत से कहा, ‘एक व्यक्ति एक पद’ का सिद्धांत तभी सामने आएगा, जब उम्मीदवार को अंतिम रूप दिया जाएगा और जीत हासिल की जाएगी. बता दें कि अशोक गहलोत के चुनाव लड़ने के स्पष्ट संकेत देने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए दौड़ काफी तेज हो गई है. शशि थरूर भी पार्टी के चुनाव पैनल प्रमुख से मुलाकात कर नामांकन औपचारिकताओं के बारे में जानकारी ले सकते हैं.
पार्टी को फायदा होगा, वहीं रहेंगे- गहलोत
अशोक गहलोत से जब पूछा गया कि क्या वह मुख्यमंत्री बने रहेंगे. इसके जवाब में गहलोत ने कहा कि एक, दो या तीन, जितने भी पदों पर रहें, उनको कोई फर्क नहीं पड़ता. अशोक गहलोत ने कहा कि उनकी इच्छा राहुल गांधी की तरह लोगों के बीच जाने की है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी लोगों के बीच जाकर लोगों से सड़कों पर उतरकर फासीवादी लोगों के खिलाफ मोर्चा खोलने का आह्वान करें.
अशोक गहलोत ने कहा कि ये तो समय ही बताएगा कि वह कहां रहेंगे. वह वहीं रहना चाहेंगे, जहां पार्टी को उनसे फायदा होगा. वह पीछे नहीं हटेंगे. बता दें कि कांग्रेस पार्टी 22 साल में अपना पहला अध्यक्ष चुनाव कराने की तैयारी कर रही है. इस दौरान दो गैर-गांधी उम्मीदवार, सांसद शशि थरूर और अशोक गहलोत के बीच आमने-सामने की टक्कर की उम्मीद की जा रही है.
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