नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव (congress president election) के लिए अधिसूचना जारी होने से एक दिन पहले वरिष्ठ नेता शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण (सीईए) के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री (Madhusudan Mistry) से मुलाकात की है। थरूर ने मिस्त्री से अध्यक्ष पद के लिए नामांकन की प्रक्रिया (Enrollment Process) और चुनावी नियम (election rules) के बारे में जानकारी ली। इस मुलाकात के बाद यह माना जा रहा है कि थरूर ने चुनाव लड़ने का मन बना लिया है। वहीं, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। साथ ही मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने भी चुनाव लड़ने के संकेत दिए हैं।
थरूर के साथ जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैफुद्दीन सोज के बेटे सलमान सोज भी मौजूद थे। थरूर अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ते हैं, तो सलमान सोज उनके इलेक्शन एजेंट होंगे। थरूर के प्रतिनिधि के तौर पर सलमान सोज कांग्रेस के चुनाव प्राधिकरण के दफ्तर आकर अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए फॉर्म लेने आएंगे। चुनाव के लिए फॉर्म 24 सितंबर से मिलने शुरू होंगे।
मधुसूदन मिस्त्री ने कहा कि थरूर ने चुनाव प्रक्रिया और फॉर्म भरने, एजेंटों की संख्या और उनकी भूमिका के बारे में सवाल किए थे। उन्होंने बताया कि थरूर ने कई सवाल किए और उनके जवाब दिए गए। थरूर जवाबों से संतुष्ट होकर गए हैं। उन्होंने कहा कि वह 24 को किसी को भेजकर पर्चा मंगवाएंगे। ऐसा लगता है कि वह अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ सकते हैं।
शशि थरूर पहले ही अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने के संकेत दे चुके हैं। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी। इसके बाद पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने बयान जारी कर कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव कोई भी लड़ सकता है। किसी को भी नामांकन दाखिल करने के लिए किसी की इजाजत लेने की जरूरत नहीं है।
कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए अब तक तीन नेताओं, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सांसद शशि थरूर और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के नाम उभरकर सामने आए हैं। तमाम कयासों के बीच बुधवार को अशोक गहलोत ने 10 जनपथ में पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। इस बीच सोनिया गांधी ने भी साफ कर दिया है कि चुनाव में उनकी क्या भूमिका होने वाली है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, अशोक गहलोत से मुलाकात के दौरान सोनिया गांधी ने अपना पक्ष साफ करते हुए कहा कि वह पार्टी के अगले अध्यक्ष के लिए आगामी चुनाव में किसी का पक्ष नहीं लेंगी। कहा जाता है कि उन्होंने कांग्रेस सांसद शशि थरूर से भी यही बात कही थी।
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