बेलग्रेड/वेटिकन सिटी । रूस और यूक्रेन (Russia and Ukraine) के बीच इस साल 24 फरवरी को शुरू हुआ युद्ध थमा नहीं है। इस बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (President Vladimir Putin) ने बुधवार को घोषणा की कि जल्द यूक्रेन के चार इलाकों में तीन लाख रिजर्व सैनिकों (soldiers) को तैनात करेंगे। उनकी इस घोषणा के बाद से ही देशभर में पहले से हो रहे प्रदर्शन और तेज हो गए हैं।
ताजा जानकारी के मुताबिक, मानवाधिकार समूहों का कहना है कि बुधवार को प्रदर्शन कर रहे करीब सौ से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है। वहीं दूसरी ओर इस घोषणा के बाद बड़ी संख्या में रूसी नागरिक देश छोड़कर जा रहे हैं। उधर, पोप फ्रांसिस ने पुतिन के परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की चेतावनी को पागलपन करार दिया।
तीन लाख रिजर्व सैनिकों की होगी तैनाती
राष्ट्रपति पुतिन ने बुधवार को टीवी पर राष्ट्र के नाम संबोधन के दौरान घोषणा की कि तीन लाख रिसर्व सैनिकों की आंशिक तैनाती का जल्द मसौदा तैयार किया जाएगा। इस दौरान उन्होंने यूक्रेन के खिलाफ सभी संसाधनों का इस्तेमाल करने की भी धमकी दी और पश्चिमी देशों पर उकसावे का आरोप लगाया।
अपने संबोधन में उन्होंने कहा, वो कह रहे हैं कि साल 1991 में उन्होंने सोवियत संघ के अलग हिस्से किए थे। अब रूस के साथ भी ऐसा ही करने का वक्त है। जो ऐसे बयान देते हैं, मैं उनको कहना चाहूंगा कि रूस के पास तबाही मचा देने वाले कई हथियार हैं, और हमारी क्षेत्रीय अखंडता को किसी भी तरह का खतरा हुआ तो हम बिना हिचके अपने देश और लोगों को बचाने के लिए सभी संसाधनों का इस्तेमाल करेंगे।
रिजर्व सैनिकों की तैनाती के खिलाफ देशभर में सैकड़ों लोग सड़कों पर उतरे और प्रदर्शन किया। अधिकार समूहों के मुताबिक, सौ से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। रूसी राष्ट्रपति ने यह घोषणा ऐसे समय में की है जब वह यूक्रेन के चार हिस्सों दोनेत्सक, लुहांस्क, खुरासान और जापोरिया को अपने साथ मिलाने की तैयारी में हैं। इसके लिए वह शुक्रवार को जनमत संग्रह कराने जा रहे हैं। इन इलाकों में रहने वाले लोग 23-27 सितंबर के बीच अपना वोट डाल सकेंगे।
बड़ी तादाद में देश छोड़कर जा रहे रूसी
रूसी राष्ट्रपति के यूक्रेन के खिलाफ जंग में सैन्य रिसर्विस्ट्स को बुलाने की घोषणा के बाद रूसी नागरिक बड़ी तादाद में देश छोड़कर जा रहे हैं। वह टिकट केवल गंतव्य की बुक करा रहे हैं, लौटने की नहीं। उड़ानें तेजी से भर रही हैं और टिकट की कीमतें आसमान पर जा पहुंची हैं। बताया जा रहा है कि इसके पीछे यह भय है कि जल्द ही रूस की सीमाएं बंद करने की घोषणा कर युवाओं को युद्ध में भेजा जा सकता है। यूरोपीय यूनियन की रोक के बाद तुर्की के अलावा एयर सर्बिया ही मॉस्को-बेलग्रेड के बीच उड़ान सेवाएं संचालित कर रही है। इसकी अगले कुछ दिन की उड़ानें बुक हो चुकी हैं। मॉस्को से इस्तांबुल और दुबई के लिए इकोनॉमी क्लास का किराया नौ हजार डॉलर से ऊपर जा पहुंचा है।
पोप बोले-यूक्रेन में परमाणु हथियार इस्तेमाल की बात सोचना पागलपन
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की पश्चिम को परमाणु हथियार इस्तेमाल करने की धमकी पर पोप फ्रांसिस ने कहा, उन्हें लगता है कि ऐसी हरकत पागलपन है। साथ ही यूक्रेनी लोगों को बर्बरता, राक्षसी प्रवृति और यातनाओं का शिकार बताते हुए उन्होंने कहा कि भले लोग शहीद हो रहे हैं। सेंट पीटर्स स्क्वायर में आम लोगों से अपनी कजाखस्तान यात्रा के बारे में बात करते हुए पोप ने सोवियत संघ से आजादी के बाद 1991 में परमाणु हथियारों का त्याग करने के लिए मध्य एशियाई देश की तारीफ की।
यूक्रेनी पीएम से जयशंकर का आग्रह वार्ता और कूटनीति के रास्ते पर लौटें
भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में यूक्रेन के प्रधानमंत्री डेनिस शमहाल से मुलाकात की और उन्हें भारत के रुख से आगाह कराते हुए कहा कि सभी शत्रुताओं को समाप्त कर वार्ता और कूटनीति के रास्ते पर लौटना चाहिए। रूसी राष्ट्रपति के तीन लाख रिसर्विस्ट्स को बुलाने की घोषणा के कुछ देर बाद ही यह मुलाकात हुई। जयशंकर ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी।
कल से शुरू हो सकती है मतदान प्रक्रिया
माना जा रहा है कि दोनेस्क और लुहांस्क क्षेत्र को रूस का अभिन्न अंग बनाने के लिए मतदान, रूस द्वारा 24 फरवरी को छेड़े गए युद्ध के सात माह पूरे होने पर शुक्रवार से ही कराया जा सकता है। जनमत सर्वेक्षण के लिए यह मतदान रूस के कब्जे वाले लुहांस्क, खेरसॉन, जपोरिझिया और दोनेस्क में होगा।
‘परमाणु ब्लैकमेलिंग’ का आरोप
पुतिन ने पश्चिमी देशों पर ‘परमाणु ब्लैकमेलिंग’ करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, मैं याद दिलाना चाहता हूं कि रूस में भी तबाही के अनेक साधन हैं जो नाटो देशों से अधिक आधुनिक हैं। यदि क्षेत्रीय अखंडता के लिए खतरा पैदा किया गया तो इसका इस्तेमाल करेंगे।
‘कॉन्सक्रिप्ट’ की तैनाती नहीं करेंगे
रूसी रक्षा मंत्री ने कहा हम देश की रक्षा के लिए सिर्फ ‘रिजर्विस्ट’ को तैनात करने जा रहे हैं। उनके पास पहले से सशस्त्र बलों में सेवाएं देने का अनुभव भी है और दक्षता भी। हम ‘कॉन्सक्रिप्ट’ की तैनाती नहीं करेंगे। ‘कॉन्सक्रिप्ट’ से आशय उन लोगों से होता है जिन्हें सेना में सेवा देने को बाध्य किया जाता है।
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