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    11 साल पिछड़ गई हाउसिंग बोर्ड की बड़ी आवासीय योजना

  • September 19, 2022

    • गोयलाखुर्द प्रोजेक्ट के 25 फीसदी भाग पर आवासीय निर्माण योजना के तहत
    • 33 मकान भी हाउसिंग बोर्ड ने बनाए थे-शेष पर काम शुरू होने का इंतजार

    उज्जैन। इंदौर रोड पर हाउसिंग बोर्ड ने 11 साल पहले बड़ी आवासीय योजना पर काम शुरू किया था। यहां लगभग 4 हेक्टेयर जमीन के 25 फीसदी भाग में 33 मकान भी बना दिए थे। इसके बाद जमीन विवाद में मामला उलझ गया था। हालांकि ढाई साल पहले जमीन को अतिक्रमण से मुक्त करा लिया गया। लेकिन प्रोजेक्ट का शेष काम अभी तक शुरू नहीं हुआ।
    उल्लेखनीय है कि आज से लगभग ढाई साल पहले वर्ष 2020 की शुरुआत में हाउसिंग बोर्ड ने इंदौर रोड पर गोयलाखुर्द गांव में बड़ी कार्रवाई कर वहां विभाग की जमीन पर किए गए अवैध कब्जे हटाये थे। जमीन कब्जे में लेने के बाद विभाग यहां आवासीय प्लाट सहित व्यवसायिक निर्माण की योजना पर तेजी से काम शुरू करने का कहा था। लेकिन कार्य शुरू नहीं हो पाए हैं। विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक गोयलाखुर्द गाँव में उक्त जमीन को हाउसिंग बोर्ड ने 7 जनवरी 2020 को बड़ी कार्रवाई कर अपने कब्जे में लिया था। कोर्ट के निर्देश पर तब हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों ने यह जमीन कब्जे से मुक्त कराई थी।

    इसके बाद हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों ने कहा था कि यहां करीब 4 हेक्टेयर जमीन शासन ने कुछ साल पहले विभाग को हैंडओवर की थी। उसके बाद इस जमीन पर हाउसिंग बोर्ड की आवासीय योजना के अलावा अन्य कमर्शियल व कई योजनाएं बनाकर काम शुरु कराया था। इतना ही नहीं इस जमीन के करीब 25 फीसदी भाग पर आवासीय निर्माण योजना के तहत 33 मकान भी हाउसिंग बोर्ड ने बनाए थे। 2011 में बने इन मकानों को लोगों को आवंटित भी कर दिया गया था। शेष जमीन पर तैयार लेआउट के अनुसार अन्य विकास कार्य किए जाने थे लेकिन कुछ लोगों ने यहाँ अवैध कब्जा कर फूलों तथा सब्जी की खेती के साथ-साथ नर्सरी और झोपड़ी आदि बनाकर अतिक्रमण कर लिए थे। इस जमीन के एवज में शासन को हाउसिंंग बोर्ड द्वारा निर्धारित राशि भी जमा करा दी गई थी। यहां हुए अतिक्रमण को लेकर मामला कोर्ट तक पहुंच गया था, वहां से भी कई बार माननीय कोर्ट ने हाउसिंग बोर्ड के पक्ष में फैसला दिया था। इसी के चलते दो साल पहले पुलिस प्रशासन और नगर निगम के सहयोग से विभाग की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने की कार्रवाई की गई थी। उस दौरान एसडीएम संजय साहू, हाउसिंग बोर्ड के डिप्टी कमिश्नर प्रबोध पराकर सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।


    185 प्लाट और 160 आवास बनने हैं
    जमीन पर कब्जे के बाद हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों ने कहा था कि गोयलाखुर्द आवास योजना की करीब 4 हेक्टेयर कब्जे में आ चुकी जमीन पर जल्द ही गोयलाखुर्द विकास योजना शुरु की जाएगी। इसमें 185 प्लाट विकसित किए जाएँगे, इसके अलावा 160 आवास बनाए जाएंगे। इसके साथ ही इसी परिसर में 25 व्यवसायिक भवनों के निर्माण भी किए जाएंगे। साथ ही परिसर में दो गार्डन के अलावा एक प्रवेश तथा एक निर्गम द्वारा भी बनाया जाएगा। कॉलोनी में लोगों की सुविधा के लिए अंडर ग्राउंड ड्रेनेज तथा बिजली की लाईन भी भूमिगत डाली जाएगी। इसमें पानी की टंकी रहेगी और सीसी रोड तथा चारों ओर बाउंड्री बनेगी। 160 आवासों में 67 एमआईजी सीनियर, 46 जूनियर एमआईजी, 20 एलआईजी तथा 17 ईडब्ल्यूएस भवनों का निर्माण होना प्रस्तावित किया गया था। अधिकारियों का कहना था कि वर्ष 2013 में सुप्रीम कोर्ट का पक्ष में फैसला आने के बाद टीएनसीपी से भी कॉलोनी का नक्शा पास करा लिया गया था। मगर रेरा व अन्य मंजूरी नहीं होने के कारण काम अभी शुरू नहीं हो पा रहा। कुल मिलाकर यह प्रोजेक्ट अभी 11 साल पीछे चल रहा है।

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