नई दिल्ली। भारत जोड़ो यात्रा (bhaarat jodo yaatra) 12 दिनों में करीब 200 किलोमीटर का सफर तय (200 kms traveled) कर चेप्पुड (केरल) पहुंच गई है। अगले 12 दिन अभी यात्रा केरल के विभिन्न जिलों से गुजरते हुए एक अक्टूबर को कर्नाटक (Karnataka) में दाखिल होगी। यहीं से यात्रा का असल इम्तेहान (real test of travel) शुरू होगा। क्योंकि, कर्नाटक में भाजपा सरकार (BJP government in Karnataka) है और प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव (assembly elections next year) होने हैं।
कर्नाटक में भारत जोड़ो यात्रा 21 दिन में करीब 511 किलोमीटर का सफर तय करेगी। विधानसभा चुनाव के लिए यात्रा को अहम माना जा रहा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार का दावा है कि यात्रा को जनसमर्थन मिलेगा। हालांकि, पार्टी के कई नेता मानते हैं शायद कर्नाटक में पूरी यात्रा के दौरान तमिलनाडु और केरल जैसा समर्थन नहीं मिल पाए।
तमिलनाडु और केरल दोनों राज्यों में पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन किया था। पार्टी की 52 में से 23 सीट इन दोनों राज्यों से हैं। राहुल गांधी भी वायनाड से सांसद हैं। वहीं, कर्नाटक में पार्टी के पास सिर्फ एक लोकसभा सीट हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को 80 सीट मिली थी, पर अभी तक10 विधायक पार्टी छोड़ चुके हैं।
फायदे की उम्मीद कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, कार्यकर्ता यात्रा को लेकर उत्साहित हैं। प्रदेश में यात्रा सफल रहेगी और इसका फायदा आगामी विधानसभा चुनाव में मिलेगा। कर्नाटक में पार्टी जनता दल (सेकुलर) से दूरी बनाकर चलेगी। बकौल उनके, हम भाजपा और जेडीएस के खिलाफ चुनाव लड़ने जा रहे हैं, ऐसे में दोनों से दूरी बनाना स्वभाविक है।
तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में लोगों तक पहुंच की उम्मीद
कर्नाटक के बाद यात्रा तेलंगाना और आंध्र प्रदेश से गुजरेगी। इन प्रदेशों में कांग्रेस की स्थिति कमजोर है। तेलंगाना विधानसभा में पार्टी को 19 सीट मिली थी। वहीं, 2019 में पार्टी 17 में से सिर्फ तीन सीट हासिल कर पाई थी। प्रदेश में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में पार्टी लोगों तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश करेगी।
आंध्र प्रदेश विभाजन के बाद 2019 के विधानसभा चुनाव में पार्टी खाता तक नहीं खोल पाई थी। पार्टी को लोकसभा चुनाव में भी सीट नहीं मिली थी। ऐसे में कर्नाटक, तेलंगाना और आंध्र में भारत जोड़ो यात्रा का असल इम्तिहान शुरू होगा। करीब पांच माह में साढ़े तीन हजार किमी का सफर तय कर भारत जोड़ो यात्रा कश्मीर में खत्म होगी।
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