उज्जैन। भगवान महाकाल के मंदिर में भक्तों ने दिल खोलकर चढ़ावा चढ़ाया है। इसके चलते बीते एक वर्ष में मंदिर समिति का खजाना भर गया है और विभिन्न माध्यमों से समिति को 81 करोड़ से ज्यादा की आय हुई है। इसमें 27 करोड़ से ज्यादा की भेंट लड्डु प्रसादी से और सवा करोड़ से अधिक कीमत का सोना-चांदी प्राप्त हुआ है। मंदिर समिति से मिली जानकारी के मुताबिक बीते एक वर्ष में महाकाल मंदिर समिति को विभिन्न माध्यमों से कुल 81 करोड़ 71 हजार 6 रुपए प्राप्त हुए हैं। यह राशि विगत 5 वर्षों में अब तक की सबसे अधिक भेंट राशि के रूप में समिति को मिली है। लाकडाउन के चलते बीते दो वर्षों में विभिन्न प्रतिबंधों के चलते समिति की आय घट गई थी और जैसे ही कोरोना की बंदिशों से मुक्ति मिली तो भक्तों ने भगवान महाकाल के आंगन में दिल खोलकर भेंट चढ़ाई, जिससे मंदिर समिति को रिकार्ड दान प्राप्त हुआ।
एक नजर प्राप्त आय पर
समिति के अनुसार 1 सितंबर 2016 से 30 अगस्त 2017 तक दान, लड्डु प्रसादी और धर्मशाला से कुल आय 28 करोड़ 62 लाख 91 हजार 676 रुपए की आय हुई थी। जबकि 1 सितंबर 2017 से 30 अगस्त 2018 तक दान, लड्डु प्रसादी और धर्मशाला से कुल आय 37 करोड़ 9 लाख 42 हजार 36 रुपए की आय हुई थी। इसी तरह 1 सितंबर 2020 से 30 अगस्त 2021 तक दान, लड्डु प्रसादी और धर्मशाला से कुल आय 40 करोड़ 45 लाख 49 हजार 665 रुपए की आय हुई थी। वहीं 1 सितंबर 2021 से 15 सितंबर 2022 तक दान से 53 करोड़ 30 लाख 43 हजार 491 रुपए, लड्डु प्रसादी से 27 करोड़ 25 लाख 2 हजार 70 रुपए और धर्मशाला से 45 लाख 25 हजार 445 रुपए प्राप्त हुए। इस तरह इस वर्ष मंदिर समिति को कुल आय 81 करोड़ 71 हजार 6 रुपए की आय हुई। इसी तरह 1 सितंबर 2021 से 15 सितंबर 2022 तक 34 लाख 91 हजार 943 रुपए कीमत का सोना और 88 लाख 68 हजार 716 रुपए कीमत की चांदी भेंट के रूप में प्राप्त हुई है।
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