नई दिल्ली: भारत की सबसे बड़ी तेल एवं गैस उत्पादक ओएनजीसी (ONGC) ने सरकार से घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर लगाए गए अप्रत्याशित लाभ कर यानी विंडफॉल टैक्स को खत्म करने का अनुरोध किया है. ओएनजीसी ने कहा कि इसकी जगह सरकार को लाभांश के रास्ते का इस्तेमाल करना चाहिए.
गौरतलब है कि क्रूड ऑयल के वैश्विक कीमतों में आए जोरदार उछाल के चलते तेल कंपनियों का लाभ अप्रत्याशित रूप से बढ़ा है. इस मामले से परिचित दो सूत्रों ने कहा कि कंपनी प्राकृतिक गैस के लिए 10 डॉलर प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट की निचली कीमत का समर्थन करती है. वर्तमान सरकार ने प्राकृतिक गैस के लिए यह मूल्य तय किया है.
विंडफॉल टैक्स लगाना अनुचित
सरकारी अधिकारियों के साथ चर्चा के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र की तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) के प्रबंधन ने कहा कि घरेलू तेल उत्पादकों पर विंडफॉल टैक्स लगाना अनुचित था. खासतौर से उस वक्त, जब सरकार ने रूस से रियायती तेल खरीद कर बचत सुनिश्चित की.
कच्चे तेल की खरीद से 35,000 करोड़ रुपये की बचत हुई
उन्होंने कहा कि रूस से सस्ते कच्चे तेल की खरीद से 35,000 करोड़ रुपये की बचत हुई और इसका इस्तेमाल घरेलू उत्पादन को बढ़ाने में किया जाना चाहिए. ओएनजीसी प्रबंधन ने सरकार से कहा कि रूसी तेल खरीद से होने वाली बचत को उस कंपनी को दिया जाए, जो इसे चिन्हित परियोजनाओं में निवेश करेगी.
उन्होंने कहा कि कंपनियों पर विंडफॉल टैक्स लगाने के बजाय मुनाफा अर्जित करने की अनुमति दी जानी चाहिए. कंपनी प्रबंधन ने सरकार से कहा कि इस उच्च लाभ का उपयोग लाभांश के लिए किया जा सकता है, जो धन के वितरण का एक अधिक न्यायसंगत तरीका है. मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार ओएनजीसी शुद्ध लाभ का 30 प्रतिशत तक वार्षिक लाभांश देती है.
घटाया गया विंडफॉल टैक्स
सरकार ने शुक्रवार को इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल की कीमतों में गिरावट के बाद देश में उत्पादित कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स (अप्रत्याशित लाभ कर) को घटा दिया है. सरकार ने पांचवें पखवाड़े की समीक्षा में घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स 13,300 रुपये प्रति टन से घटाकर 10,500 रुपये प्रति टन कर दिया.
विंडफॉल टैक्स है क्या?
विंडफॉल टैक्स ऐसी कंपनियों या इंडस्ट्री पर लगाया जाता है, जिन्हें किसी खास तरह परिस्थितियों में तत्काल काफी लाभ होता है. भारत की तेल कंपनियां इसका अच्छा उदाहरण हैं. यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आया. इससे तेल कंपनियों को काफी फायदा मिला था. रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण तेल कंपनियां भारी मुनाफा काट रही थीं, इसलिए उन पर विंडफॉल टैक्स लगाया गया था. भारत ही नहीं इटली और यूके ने भी अपनी एनर्जी कंपनियों पर यह टैक्स लगाया था.
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