- काउंसिल ने की थी मान्यता रद्द, खतरे में पड़ गया था छात्रों का भविष्य
भोपाल। मध्यप्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता रद्द करने के मामले से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। मध्यप्रदेश नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल ने अस्थाई रूप से मान्यता बहाल की है। 93 नर्सिंग कॉलेजों में से 80 की मान्याता बहाल की गई है, जबकि 13 नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता अब भी रद्द है। मध्यप्रदेश नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल ने आदेश जारी किया है। नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता रद्द मामले में नर्सिंग काउंसिल ने कॉलेजों से जानकारी मंगवाई थी। फिलहाल 93 नर्सिंग कॉलेजों में से 80 की अस्थाई रूप से मान्यता बहाल की गई है। नियमों का पालन और दस्तावेज जमा नहीं करने के कारण कार्रवाई की गई थी।
बता दें कि प्रदेश में 241 नर्सिंग कॉलेज की मान्यता रद्द की गई थी। रद्द होने के बाद कार्रवाई पर सवाल उठ रहे थे। इस पर खूब सियासत भी हुई थी। नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता रद्द करने पर स्टूडेंट्स का भविष्य खतरे में आ गया था। डिग्री को लेकर स्टूडेंट्स में चिंता का माहौल रहा। नवीनीकरण के लिए कॉलेजों ने जरूरी दस्तावेज नहीं दिए थे। दस्तावेज देने और निरीक्षण के बाद दोबारा मान्यता बहाल की गई है।
मध्यप्रदेश में नर्सिंग कॉलेज की मान्यता रद्द होने पर जमकर सियासत हुई थी। नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह ने विधानसभा में नर्सिंग कॉलेज घोटाले का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा था कि अवैध रूप से मध्यप्रदेश में नर्सिंग कॉलेज चल रहे हैं। सरकार नर्सिंग घोटाले पर श्वेत पत्र लाए। नेता प्रतिपक्ष के आरोपों पर मंत्री विश्वास सारंग ने पलटवार किया था। उन्होंने कहा था कि फर्जी नर्सिंग कॉलेजों में कांग्रेस नेताओं के कॉलेज शामिल हैं। जांच में गड़बड़ी पाई गई, तो जांच कमेटी पर भी कार्रवाई की जाएगी। हमने ही बड़ी संख्या में फर्जी नर्सिंग कॉलेजों को समाप्त किया। नर्सिंग के छात्रों के साथ अहित न हो इसलिए हमने व्यवस्था को ठीक की है। व्यापम मामले को भी भाजपा सरकार ने उजागर किया था।