उज्जैन। विदाई से पहले मानसून अभी उज्जैन को और भिगोने की तैयारी में है। जी हां, जुलाई-अगस्त में अच्छी बारिश के बाद अब सितंबर के महीने में भी बारिश अपने तेवर दिखा रही है। अगले दो दिन यानी शनिवार और रविवार को इंदौर में बारिश की संभावना बनी हुई है। गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात से ही शहर के कई इलाकों में बारिश शुरु हुई, जो सुबह तक जारी रही। कई क्षेत्रों में जलभराव की भी स्थिति बन गई। अधिक बारिश के कारण आज सुबह स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया गया। बाजार में लोग रेनकोट और छाता लेकर जाते नजर आए। वेधशाला से मिली जानकारी के मुताबिक जिस सिस्टम के कारण फिलहाल बारिश हो रही है। वह अभी कमजोर नहीं पड़ा है। इस सिस्टम को अरब सागर से भी नमी मिल रही है। इससे सिस्टम अभी तक स्ट्रांग है। मौसम वैज्ञानिक ने आज 16 सितंबर को भी उज्जैन में तेज बारिश होने की संभावना जताई है। हालांकि आज के अलावा अगले दो दिन उज्जैन डिवीजन में बारिश के आसार हैं। वेधशाला में कल शाम 5 बजे से लेकर आज सुबह 8 बजे तक कुल 25 एमएम अर्थात 1 इंच के लगभग बारिश हुई। इसे मिलाकर कुल आंकड़ा आज सुबह तक 897 एमएम अर्थात 35.31 इंच बारिश हो चुकी है।
शिप्रा में उफान जारी
लगातार बारिश के चलते कल सुबह से ही शिप्रा नदी का छोटा पुल जलमग्न हो गया था। इसके बाद भी शहर सहित अंचलों में रातभर बारिश का दौर चला। यही कारण था कि आज सुबह भी रामघाट से लेकर बड़े पुल तक शिप्रा में उफान दिखाई दे रहा था। आज भी छोटे पुल के ऊपर से पानी बह रहा था और उज्जैन-बडऩगर मार्ग का आवागमन बड़े पुल से हो रहा था। बारिश के चलते आज सुबह कई निचले इलाकों की सड़कों पर पानी भरा हुआ था।
18 सितंबर से एक और सिस्टम हो रहा एक्टिव
वेधशाला अधीक्षक डॉ. आर.पी. गुप्त ने बताया कि अभी लो प्रेशर का सिस्टम नॉर्थ म.प्र. की ओर रुख कर रहा है। इससे दक्षिण म.प्र. के कई हिस्से में बारिश हो सकती है। उन्होंने बताया कि बे ऑफ बंगाल में एक और सिस्टम बन रहा है। जिसका असर फिर हो सकता है। फिलहाल इसका एनालिसिस किया जाएगा। इस मौसम में उज्जैन में अब तक करीब 35.31 इंच बारिश हो चुकी है, जबकि औसतन आंकड़ा 36.6 इंच का है। यानी इस सीजन में अब तक औसत से 1 इंच से कम बारिश हो चुकी है। शिप्रा नदी में घाट और मंदिर डूबे हुए हैं तथा कीचड़ भी है।
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