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    रातीबढ़ पुलिस को कोर्ट की फटकार, अधूरे साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट में पेश किया था चालान

  • September 16, 2022

    • न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी निमिष राजा की कोर्ट लौटाया चालान, पुना: जांच के आदेश दिए

    भोपाल। रातीबढ़ थाना इलाके में स्थित तालाब में पिछले दिनों युवक की लाश मिली थी। उसकी मौत संदिग्ध हालातों में हुई थी। पुलिस ने शव को बरामद कर पोस्टमार्टम कराया और मर्ग कायम कर जांच शुरु की। मर्ग जांच के बाद में पुलिस ने मृतक के तीन दोस्तों के खिलाफ 304 ए और 34 का प्रकरण दर्ज किया था। वहीं मृतक के परिजनों का आरोप है कि लड़के की हत्या की गई थी। लूट के इरादे से वारदात को अंजाम दिया गया था। मौत के समय उसके पास में साठ से सत्तर हजार रुपए केश रखे थे। मौत से पूर्व उसने हत्या की साजिश किए जाने की बात कॉल कर पिता को बताई थी। इसकी कॉल रिकार्डिंग को पुलिस ने जांच में शामिल नहीं किया, जबकि न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी निमिष राजा की कोर्ट इसी रिकार्डिंग को आधार मानते हुए रातीबढ़ पुलिस को फटकार लगाई और चालान को लौटा दिया है।



    मृतक की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता सचिन नायक ने बताया कि बुधवार को जिला कोर्ट में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी निमिष राजा की कोर्ट में मृतक गोविंद अहिरवार की ओर से फरियादी रीना अहिरवार ने न्यायालय के समक्ष आपत्ति पेश की। इस आपत्ति के माध्यम से एक फोन कॉल रिकॉर्डिंग पेश की गई। ये रिकॉर्डिंग और चालान विरोधाभास है। उक्त प्रकरण में अभियुक्तगण योगेश जाटव, उमेश जाटव, सुमित गौर का यह दावा है कि मृतक अत्यधिक शराब पीकर तालाब में तैर कर तक जाकर वापस आने का दावा करता है। बीच में ही जाते समय डूब कर उसकी मृत्यु हो जाती है। जिस घटना को अभियुक्तगण ने डर के मारे पुलिस को नहीं बताया। वहीं दूसरी तरफ वास्तविकता फरियादी के अनुसार यह है की मृतक ने अपने पिता को मरने से पहले फोन कर यह बताता है कि अभियुक्त गण उसे अत्यधिक शराब पिला रहे हैं। उसके पास 60,000 से 70000 जेब में रखे हैं। पिता से यह भी कहा कि अभियुक्त योगेश से यह कह दे कि उसे घर पहुंचा दें इस फोन कॉल के बाद अभियुक्त घर नहीं आया। पुलिस ने 304 ए-34 का केस रजिस्टर किया। रातीबड़ थाने में इस पूरे मामले में कार्रवाई की है। फरियादीगण ने 302 120 बी या 34 आईपीसी मे रजिस्टर करने और उचित कार्यवाही करने का निवेदन किया। लेकिन फरियादी के पक्ष में कोई कार्यवाही नहीं हुई।

    भटकता रहा पिता
    फरियादी ने कई अधिकारियों को उच्च अधिकारियों को व सीएम हाउस में उचित कार्रवाई के लिए निवेदन व आवेदन करते रहे लेकिन फरियादी को अनसुना कर लूट और हत्या का मामला ना रजिस्टर रातीबड़ पुलिस ने स्वेच्छा से मृत्यु कारित करने का केस रजिस्टर किया और चालान कोर्ट में पेश किया। जब आपत्ति के न्यायालय के समक्ष यह जानकारी प्रस्तुत होते ही की फरियादीगण की बात न सुनते हुए और मुख्य एविडेंस रिकॉर्ड पर न लेकर उक्त चालान पेश किया गया है न्यायालय ने न्यायिक कार्रवाई करते हुए 15 सितंबर को उक्त चालान को रिजेक्ट कर रातीबड़ थाना वापस भेजा गया।

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