नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) (Reserve Bank of India (RBI)) के हाल में एक तंत्र की घोषणा के बाद कई देशों ने रुपये में ‘द्विपक्षीय व्यापार’ (‘bilateral trade’) करने में रुचि दिखाई है। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) को हमारी उम्मीद से ज्यादा मजबूती मिलने की संभावना है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार को यहां माइंडमाइन समिट कार्यक्रम के दौरान यह बात कही।बतौर मुख्य अतिथि निर्मला सीतारमण ने अपने संबोधन में कहा कि कई देशों ने रुपये में व्यापार करने में रुचि दिखाई है। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को हमारी उम्मीद से ज्यादा मजबूती मिलने की संभावना है। वित्त मंत्री ने कहा कि यह सरकार द्वारा किए गए अन्य उपायों के साथ पूर्ण पूंजी खाता परिवर्तनीयता की दिशा में उठाया गया कदम है।
सीतारमण ने कहा कि रिजर्व बैंक द्वारा रुपये में सीमापार व्यापार लेन-देन की अनुमति देने का ऐलान मुद्रा के अंतरराष्ट्रीयकरण की दिशा में समय पर उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि केंद्रीय बैंक ने इसे ऐसे समय लाया है, जब यह बहुत महत्वपूर्ण था। वित्त मंत्री ने कहा कि कोरोन महामारी के बाद भारत बड़े पैमाने पर कुछ अलग हटकर समाधान लेकर आ रहा है। उन्होंने कहा कि हम सीमापार लेन-देन को सक्षम करने के लिए अन्य देशों के बीच अपने डिजिटल मंच को अंतर-संचालित (इंटरऑपरेबल) बनाने के भी इच्छुक हैं।
उल्लेखनीय है कि आरबीआई ने इस साल जुलाई में एक विस्तृत परिपत्र जारी कर बैंकों से घरेलू मुद्रा रुपये में वैश्विक व्यापारिक समुदाय की बढ़ती रुचि को देखते हुए निर्यात और आयात लेन-देन के लिए अतिरिक्त व्यवस्था करने के लिए कहा था। इसी के तहत मौजूदा समय में रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के बाद से भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय व्यापार का एक बड़ा हिस्सा अमेरिका एवं यूरोपीय देशों के लगाये गए प्रतिबंधों के चलते रुपये में हो रहा है। (एजेंसी, हि.स.)
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