नई दिल्ली: देश में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मामलों पर संसद की स्थाई समिति ने सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से सिफारिश की है कि वह दिल्ली एम्स के पुनर्विकास के लिए उसके मास्टर प्लान को मंजूरी दे. एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया के निर्देशों के मुताबिक, एम्स की पुनर्विकास योजना के तहत एम्स में 50 नए ऑपरेशन थिएटर तैयार किए जाने हैं. इसके साथ ही 300 इमरजेंसी बेड सहित 3,000 से अधिक अतिरिक्त पेशेंट केयर बेड (Patient Care Beds) भी तैयार किए जाने हैं.
समिति ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को सुझाव दिए हैं कि मंत्रालय को दिल्ली एम्स के मास्टर प्लान को बिना किसी देरी के मंजूरी देनी चाहिए ताकि मार्च 2024 तक एम्स को विश्वस्तरीय मेडिकल संस्थान के उद्देश्य को हासिल किया जा सके. समिति का कहना है कि एम्स की आवासीय कॉलोनियों की परियोजना के पुनर्विकास को नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (NDMC) से बिना किसी देरी के मंजूरी मिलनी चाहिए ताकि जल्द से जल्द सिविल कार्यों को शुरू किया जा सके और परियोजना को तय समयसीमा में पूरा किया जाए.
मास्टर प्लान में 50 नए ऑपरेशन थिएटर, 300 अतिरिक्त इमरजेंसी बेड
इससे पहले 15 अगस्त को डॉ. गुलेरिया ने एम्स के पुनर्विकास के मास्टर प्लान के बारे में बताते हुए कहा था, इस परियोजना से दिल्ली एम्स विश्वस्तरीय मेडिकल यूनिवर्सिटी के रूप में तब्दील होगा. इसके तहत पचास नए ऑपरेशन थिएटर, 3000 से अधिक पेशेंट केयर बेड बनाए जाने हैं. उन्होंने कहा था कि इस परियोजना के तहत रिसर्च लैब, पशु इकाइयां, क्लिनिकल ट्रायल फैसिलिटी, 4,000 हॉस्टल यूनिट और बड़े पैमाने पर पार्किंग स्पेस तैयार किए जाने हैं.
डॉ. गुलेरिया ने बताया था कि इस विस्तृत परियोजना की रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंप दी गई है. एम्स निदेशक का कहना है कि इस मास्टर प्लान का उद्देश्य ईस्ट अंसारी नगर कैंपस में रोगी देखभाल शिक्षण अनुसंधान को मजबूत करना, मस्जिद मोथ कैंपस में आउटपेशेंट सेवाओं और ट्रॉमा सेंटर एक्सटेंशन कैंपस में आवासीय सुविधाओं को बढ़ाना है.
इस दौरान समिति ने एम्स के रूप में देश को सर्वश्रेष्ठ हेल्थकेयर संस्थान उपलब्ध कराने के लिए एम्स प्रबंधन और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के कार्यों की सराहना भी की.
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