नई दिल्ली: भारत को जल्द ही ई-हाईवे (e-highway) की सौगात मिलने जा रही है. प्रदूषण को कम करने की दिशा में यह मिसाल साबित होगा. इस बारे में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने सोमवार को बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने कहा कि सरकार, सौर ऊर्जा से चलने वाले इलेक्ट्रिक हाईवे विकसित करने पर काम कर रही है, जो भारी शुल्क वाले ट्रकों और बसों को चार्ज करने की सुविधा प्रदान करेगा.
इंडो-अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स (IACC) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, गडकरी ने दोहराया कि सरकार बिजली पर भारत की सार्वजनिक परिवहन प्रणाली विकसित करना चाहती है. उन्होंने कहा कि सरकार विद्युत गतिशीलता के लिए सौर और (Solar Energy) पवन ऊर्जा (Wind Energy) आधारित चार्जिंग तंत्र (Charging System) को दृढ़ता से प्रोत्साहित कर रही है.
उन्होंने कहा, ‘हम इलेक्ट्रिक हाईवे विकसित करने पर भी काम कर रहे हैं, जो सौर ऊर्जा से संचालित होंगे और इससे चलते समय भारी शुल्क वाले ट्रकों और बसों को चार्ज करने में सुविधा होगी.’ एक इलेक्ट्रिक हाईवे आम तौर पर एक सड़क को संदर्भित करता है जो उस पर यात्रा करने वाले वाहनों को बिजली की आपूर्ति करता है, जिसमें ओवरहेड पावर लाइन भी शामिल है.
गडकरी ने कहा कि सरकार टोल प्लाजा को सौर ऊर्जा से संचालित करने के लिए भी प्रोत्साहित कर रही है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सड़क मंत्रालय ने प्रमुख गलियारों में मार्ग अनुकूलन अभ्यास किया है. इस बात पर जोर देते हुए कि एक अच्छी तरह से विकसित बुनियादी ढांचा आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाता है, नए व्यवसाय बनाता है और रोजगार सृजन को बढ़ावा देता है. गडकरी ने कहा, ‘हम 26 ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण कर रहे हैं.’ पीएम गति शक्ति मास्टर प्लान के शुभारंभ के साथ, उन्होंने कहा कि परियोजनाओं को तेजी से मंजूरी मिलेगी और इससे रसद लागत में कमी आएगी.
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