उज्जैन। कल जल झुलनी एकादशी, डोल ग्यारस के अवसर पर गोपाल मंदिर समेत अन्य कृष्ण मंदिरों से पालकी और रथ में सवार होकर भगवान श्रीकृष्ण नगर भ्रमण पर निकले। तीन बत्ती चौराहा से भी बैरवा समाज का फूल डोल चल समारोह झिलमिल झांकियों के साथ निकला और देर रात सोलह सागर पहुंचा। कल डोल ग्यारस के अवसर पर द्वारकाधीश गोपाल मंदिर से शाम को डोल चल समारोह निकाला गया। इसमें भगवान श्रीकृष्ण, राधा और रुक्मणि के साथ नगर भ्रमण पर निकले और भक्तों को दर्शन दिए। परंपरानुसार यह चल समारोह गोपाल मंदिर से आरंभ होकर देर रात इंदिरा नगर स्थित सोलह सागर पहुंचा तथा वहां पूजन-अर्चन के पश्चात विभिन्न मार्गों से पुन: मंदिर लौटा।
इसी तरह छोटा सराफा स्थित लक्ष्मी नृसिंह मंदिर से भी फूलडोल चल समारोह शाम 4 बजे से निकला, जो नई पेठ, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, ठाबा रोड होता हुआ शिप्रा तट पहुंचा तथा वहां पूजन अर्चन के बाद विभिन्न मार्गों से वापस मंदिर आया। संपूर्ण मार्ग में श्रद्धालुओं द्वारा जगह-जगह पालकी पूजन कर दर्शन किए गए। बैरवा समाज द्वारा भी परंपरानुसार कल शाम फूलडोल चल समारोह निकाला गया। इसमें 15 झिलमिलती झांकियों के साथ 18 अखाड़े और बड़ी संख्या में समाजजन शामिल हुए। किशनपुरा, बागपुरा, प्रकाश नगर तथा पंचमपुरा व मक्सी रोड से फूल डोल चल समारोह की झांकियां और अखाड़े निकले। ये सभी रात 10 बजे तक तीन बत्ती चौराहा पहुंचे तथा यहां से एकत्रित होकर निकले। टावर चौक से लेकर शहर में कई जगह स्वागत मंच बनाए गए जहां अखाड़ों के खलीफाओं का सम्मान किया गया। विभिन्न मार्गों से होता हुआ ये चल समारोह देर रात सोलह सागर पर जाकर संपन्न हुआ। इसमें शामिल विभिन्न धार्मिक और देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत झांकियों ने शहरवासियों का मनमोहा।
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