नई दिल्ली । झारखंड (Jharkhand) में मची राजनीतिक हलचल के बीच सोमवार को विधानसभा (Assembly) का विशेष सत्र बुलाया गया है. इस दौरान हेमंत सोरेन (Hemant Soren) सरकार विश्वास मत प्राप्त करने के लिए प्रस्ताव रखेंगे. विधानसभा सचिवालय (Assembly Secretariat) द्वारा विधायकों को भेजे गए पत्र के अनुसार, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बहुमत साबित करने के लिए विश्वास मत प्रस्ताव लाने की इच्छा जाहिर की है. इस दौरान सभी विधायकों को सदन में मौजूद रहने के लिए कहा गया है. विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने भी सदन में अपनी रणनीति तैयार करने के लिए रविवार को अपने विधायक दल की बैठक बुलाई थी.
विधानसभा सदस्यता पर फंसा है पेंच
दरअसल, सीएम हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता पर राज्यपाल निर्णय लेने वाले हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सीएम हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता खतरे में है. यह दावा किया गया था कि सीएम हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री रहते हुए रांची के अनगड़ा में अपने नाम 88 डिसमिल के क्षेत्रफल वाली पत्थर खदान लीज पर ली थी.
एक आरटीआई में इस बाबत जानकारी सामने आने पर बीजेपी ने इस पर सवाल उठाया था और राज्यपाल से शिकायत की थी. चुनाव आयोग ने राज्य भवन को मंतव्य भेज दिया था. जिसके बाद से राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा चलने लगी की हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द हो सकती है.
बाबू लाल मरांडी ने विश्वास मत पर उठाया सवाल
बीजेपी की विधायक दल की बैठक के बाद बाबूलाल मरांडी ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाए जाने पर कहा कि इस बैठक के लिए राज्यपाल से अनुमति नहीं ली गई है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अनुमति के अलावा विशेष सत्र के लिए कोई प्रक्रिया भी नहीं अपनाई गई है. मरांडी ने हेमंत सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि इससे यह मालुम होता है कि सरकार को अपने ही विधायकों पर विश्वास नहीं है इसलिए सदन में विश्वास मत हासिल करने के लिए बुलाया जा रहा है.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved