नई दिल्ली । हिंदू धर्म में पितृ पक्ष (Pitru Paksha ) का विशेष महत्व (special importance) होता है। पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह (Bhadrapada month) के पूर्णिमा तिथि से पितृ पक्ष का आरंभ हो जाता है, जिसका समापन आश्विन मास की अमावस्या पर होता है। इस दौरान श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान (Tarpan and Pinddan) जैसे कार्य किए जाते हैं। 16 दिनों तक चलने वाले पितृपक्ष में पितरों का तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान आदि अनुष्ठान किए जाते हैं। इस साल पितृपक्ष 10 सितंबर 2022, शनिवार से शुरू होंगे। वहीं समापन 25 सितंबर 2022 को होगा। माना जाता है कि पितृपक्ष में हमारे पूर्वज पितृ लोक से धरती पर विचरण करते हैं और कई माध्यमों से हमें अच्छे और बुरे का संकेत भी देते हैं। इन्हीं में से एक संकेत होता है सपने में पितरों का दिखाई देना। पितृपक्ष के दिनों में यदि आपको भी सपने में पितृ दिखाई दें, तो इसे अनदेखा न करें। इसका कोई न कोई मतलब जरूर होता है। आइए जानते हैं कि पितृपक्ष के दौरान सपने में पितरों के दिखाई देने का क्या मतलब होता है-
प्रसन्न मुद्रा में दिखाई देना
पितृपक्ष के दौरान यदि आपके सपने में पूर्वज प्रसन्न मुद्रा में या आशीर्वाद देते हुए दिखाई देते हैं, तो इसका मतलब आपके पूर्वज आपसे खुश हैं और आपके श्राद्ध को उन्होंने स्वीकार कर लिया है।
सपने में पूर्वजों का शांत दिखाई देना
कहा जाता है कि यदि सपने में आपको पूर्वज शांत मुद्रा (ancestor calm pose) में दिखाई दें तो ये इस बात का संकेत है कि वे आपसे संतुष्ट हैं और जल्दी ही आपको किसी शुभ समाचार की प्राप्ति हो सकती है।
पूर्वजों को बहुत करीब देखना
यदि सपने में आप अपने पूर्वजों को स्वयं के बहुत करीब देखते या महसूस करते हैं, तो ये होता है कि अभी भी वे परिवार के मोह को नहीं छोड़ पाए हैं। इसके लिए के नाम से अमावस्या को धूप दिखानी चाहिए साथ ही आत्मा शांति के लिए अनुष्ठान करवाना चाहिए। साथ ही गाय को रोटी खिलाना चाहिए।
नोट– उपरोक्त दी गई जानकारी व सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के लिए हैं हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं।
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