img-fluid

जब पहचान छिपाकर दिल्ली में रहीं शेख हसीना, परिवार के नरसंहार को किया याद

September 04, 2022

ढाका। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना 5 सितंबर यानि सोमवार को भारत के चार दिन के दौरे पर आने वाली हैं। इससे पहले उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई को इंटरव्यू दिया है। इसमें उन्होंने उन दिनों के बारे में भी बताया जब वह दिल्ली में गुप्त तरीके से रहा करती थीं। हसीना ने बताया कि वह दिल्ली के पॉश पंडारा रोड के पास गुप्त निवासी के तौर पर अपने बच्चों के साथ रहीं। इस दौरान उन्होंने अपनी पहचान भी छिपाकर रखी थी। उनके पिता शेख मुजीबुर रहमान के हत्यारों की नजर में आने से बचने के लिए उन्हें ऐसा करना पड़ा।

1975 की घटनाओं को याद करते हुए पीएम हसीना की आंखें नम हो गईं। उन्होंने बताया कि वह जर्मनी में अपने परमाणु वैज्ञानिक पति से मिलने के लिए बांग्लादेश से रवाना हो रही थीं। 30 जुलाई, 1975 का यह दिन था और परिवार के सदस्य हसीना और उनकी बहन को विदा करने के लिए हवाई अड्डे पर आए थे। यह एक सुखद विदाई थी। हसीना को इस बात का अंदाजा बिल्कुल भी नहीं था कि यह उनके माता-पिता के साथ उनकी आखिरी मुलाकात होगी।

‘नहीं पता था कि यह आखिरी मुलाकात होगी’
बांग्लादेश के इतिहास के सबसे काले अध्यायों में से एक को हसीना ने याद करते हुए कहा, ‘मेरे पति विदेश में थे, इसलिए मैं एक ही घर में माता-पिता के साथ रहती थी। उस दिन घर पर सब लोग थे। मेरे पिता, मां, मेरे तीन भाई, दो नवविवाहित भाभियां भी थीं। इसलिए सभी भाई-बहन और उनके पति भी हमें विदा करने के लिए हवाई अड्डे पर आए। वह आखिरी दिन था जब मैं अपने पिता और मां से मिली। मुझे नहीं पता था कि अब हम दोबारा नहीं मिलेंगे।’


‘पिता की हत्या की खबर पर विश्वास नहीं हुआ’
बहते आंसुओं के बीच शेख हसीना ने कहा, ‘एक पखवाड़े बाद 15 अगस्त की सुबह मुझे जो खबर मिली, उस पर विश्वास करना मुश्किल था। मेरे पिता शेख मुजीबुर रहमान की हत्या कर दी गई थी। इतना ही नहीं, कुछ घंटों बाद पता चला कि मेरे परिवार के दूसरे लोग भी मारे गए हैं। यह वास्तव में अविश्वसनीय था। कोई भी बंगाली ऐसा कैसे कर सकता है। हम नहीं जानते कि क्या हुआ, हकीकत क्या है। केवल एक तख्तापलट हुआ और फिर हमने सुना कि मेरे पिता की हत्या कर दी गई।’

‘भारत ने मदद के लिए बढ़ाया हाथ’
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने कहा, ‘भारत मदद देने वाले पहले देशों में से एक था। श्रीमती इंदिरा गांधी ने तुरंत सूचना भेजी कि वह हमें सुरक्षा और आश्रय देना चाहती हैं। हमने दिल्ली वापस आने का फैसला किया। उस समय हमारे दिमाग में था कि अगर हम दिल्ली जाते हैं, तो वहां से हम अपने देश वापस जा सकेंगे। साथ ही हम यह भी जान पाएंगे कि परिवार के कितने सदस्य अभी भी जीवित हैं। वाकई में यह बहुत मुश्किल समय था।’

Share:

रैली से पहले ही कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया दिल्ली पुलिस ने

Sun Sep 4 , 2022
नई दिल्ली । कांग्रेस (Congress) की महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ (Against Inflation and Unemployment) आज दिल्ली में (In Delhi) रैली से पहले ही (Even Before the Rally) कांग्रेस के कई कार्यकर्ताओं (Congress Workers) को दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने हिरासत में ले लिया (Detained) । दरअसल कांग्रेस के कार्यकर्ता बांगा भवन से लेकर कांग्रेस […]
सम्बंधित ख़बरें
खरी-खरी
सोमवार का राशिफल
मनोरंजन
अभी-अभी
Archives

©2024 Agnibaan , All Rights Reserved