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मप्र में मंत्रियों की सार्वजनिक बयानबाजी पर संगठन नाराज

September 04, 2022

  • दोनों मंत्री को मिली नसीहत, सीएम से चर्चा के बाद सिसोदिया बोले… सारे गिले शिकवे दूर हो गए

भोपाल। मध्यप्रदेश में ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर सिंधिया खेमे के दो मंत्रियों ने प्रशासनिक अफसरों पर नाराज जताई थी। मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया और मंत्री बृजेन्द्र यादव ने अपने ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। अब बीजेपी संगठन से मिली नसीहत और सीएम शिवराज से चर्चा के बाद इनकी नाराजगी दूर हो गई है। मंत्री सिसोदिया ने कहा कि सारे गिले-शिकवे दूर हो गए हैं। मंत्रियों की सार्वजनिक बयानबाजी को लेकर बीजेपी संगठन भी नाराज हुआ है। सार्वजनिक तौर पर ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर उठाए गए मुद्दे प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा और संगठन महामंत्री नित्यानंद शर्मा के बीच चर्चा हुई। संगठन ने मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया और बृजेंद्र यादव को सार्वजनिक बयानबाजी से बचने की नसीहत दी। बीजेपी संगठन से दोनों मंत्रियों को समझाइश मिली है। बयानबाजी से सरकार की छवि को नुकसान पहुंचने की बात की कही गई। ऐसी बयानबाजी से पहले सरकार में ही बातचीत के लिए कहा गया है।

सारे गिले-शिकवे दूर हो गए- मंत्री सिसोदिया
इधर मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया की नाराजगी दूर हो गई है। मुख्यमंत्री शिवराज और मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया की फोन पर बातचीत हुई है। बातचीत के बाद मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने कहा कि बहुत अच्छी बातचीत हुई है। सारे गिले-शिकवे दूर हो गए हैं। अब किसी तरह की कोई शिकायत नहीं है और पहले भी शिकायत नहीं थी। मंत्री सिसोदिया ने गोविंद सिंह और कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस को आलोचना के अलावा कोई काम नहीं बचा। कांग्रेस ने हमारी फिक्र की बहुत-बहुत धन्यवाद। मुख्यमंत्री शिवराज से अच्छा कोई सीएम पूरे देश में नहीं है। मुख्यमंत्री शिवराज सब कुछ ठीक कर लेंगे।

मंत्री सिसोदिया ने चीफ सेक्रेटरी पर जताई नाराजगी
शिवराज सरकार के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया ने एमपी के चीफ सेक्रेटरी पर नाराजगी जताई है। मंत्री ने कहा कि वो निरंकुश होते जा रहे हैं। सीएम शिवराज को जननेता बताया है। वह भारत के सबसे अच्छे मुख्यमंत्री है। शिवपुरी एसपी राजेश चंदेल की मनमानी का मामला है। थाना प्रभारियों की पोस्टिंग में मनमानी को लेकर पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया नाराज हैं। कलेक्टर अक्षय सिंह को पत्र लिखकर नाराजगी जाहिर की है। शिवपुरी जिले के मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया प्रभारी मंत्री हैं। बिना प्रभारी मंत्री के संज्ञान में लाए एसपी ने थाना प्रभारियों का तबादला कर दिया। कलेक्टर अक्षय सिंह ने भी प्रभारी मंत्री के पत्र पर जबाब नहीं दिया।


मंत्री बृजेन्द्र यादव ने सहकारिता संस्था में नियुक्ति पर जताई अपत्ति
वहीं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री बृजेन्द्र यादव ने सहकारिता संस्था में नियुक्ति पर आपत्ति जताई है। कार्रवाई और जांच की मांग को लेकर सहकारी आयुक्त को पत्र लिखा। उप अंकेक्षण अभिषेक जैन पर कार्रवाई की मांग की है। किसी डिप्टी कलेक्टर स्तर के अफसरों से जांच की जाए। इससे पहले भी अशोकनगर कलेक्टर को पत्र लिखा गया था।

मध्यप्रदेश सरकार पर ब्यूरोक्रेसी हावी: कांग्रेस
नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने कहा कि नौकरशाही नेताओं जनप्रतिनिधियों का अपमान कर रही है। मध्यप्रदेश में अब यह आम बात हो चुकी है। सरकार का ब्यूरोक्रेसी पर अंकुश नहीं है। कांग्रेस की सरकार गिरा कर मंत्री सिसोदिया ने पाप किया। इसलिए उन्हें अब यह दिन देखने ही पड़ेंगे। अफसरों पर कार्रवाई होनी चाहिए। पूर्व मंत्री पीसी शर्मा का कहना है कि सरकार की ब्यूरोक्रेसी से पकड़ खत्म हो गई है। सिंधिया खेमे के मंत्री सरकार में क्वारंटीन हैं। सरकार में मंत्रियों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। मंत्री और विधायकों के अधिकारी फोन नहीं उठाते है। सरकार में अधिकारी बेलगाम हो गए हैं। मध्यप्रदेश सरकार पर ब्यूरोक्रेसी हावी हो गए हैं।

कांग्रेस ने बताया बुआ-भतीजे के वर्चस्व की लड़ाई
एमपी में महेंद्र सिंह सिसोदिया और मंत्री बृजेन्द्र यादव की नाराजगी के बाद सियासत तेज हो गई है। इस पर कांग्रेस नेता नरेंद्र सलूजा का कहना है कि शिवपुरी जिले में भुआ-भतीजे के वर्चस्व की लड़ाई है। पूरा मामला ट्रांसफर और कब्जे से जुड़ा हुआ है। शिवपुरी जिलेे में वर्चस्व की लड़ाई चल रही है। बीजेपी में गुटबाजी चरम पर चल रही है और सबने इसके लिए कमर कस ली है।

बीजेपी ने दिया यह बयान
बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता का कहना है कि मैंने उनका बयान सुना नहीं है, लेकिन ऐसी स्थिति होना नहीं चाहिए। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। अगर कोई कंफ्यूजन है, तो दूर किया जाना चाहिए। हमारे मुख्यमंत्री इसको स्वत: संज्ञान लेंगे। मंत्री जी को भी मैं बड़े ही निकट से जानता हूँ, वो बहुत अच्छे इंसान हैं। मुख्य सचिव को भी निकट से जानता हूँ, ऐसी कोई स्थिति नहीं है। फिर भी कोई स्थिति है तो उसे ठीक किया जाना चाहिए। जनप्रतिनिधि, जनप्रतिनिधि होता है उसके मर्यादा और सम्मान का ध्यान सभी को रखना चाहिए।

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