केप केनवरल । चंद्रमा (moon) पर एस्ट्रोनॉट्स (Astronauts) कहां उतरेंगे? अब इसे लेकर अमेरिका (America) और चीन (China) के बीच जंग होगी. इस महीने की शुरुआत में नासा (NASA) ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास 13 स्थानों की सूची को फाइनल किया था. लेकिन इनमें से तीन स्थान ऐसे हैं जिनके आसपास या वहीं पर चीन अपने मिशन की लैंडिंग भी कराना चाहता है. नासा का प्लान है कि वह तीन साल के अंदर इंसानों को चंद्रमा पर भेज देगा. तैयारी भी तेजी से चल रही है.
नासा इन एस्ट्रोनॉट्स को अर्टेमिस-3 (Artemis III) मिशन से चांद पर भेजेगा. इसके लिए के स्पेस लॉन्च सिस्टम यानी SLS रॉकेट और ओरियन स्पेसक्राफ्ट (Orion Spacecraft) की जरुरत होगी. हाल ही में एक चीनी जर्नल में यह बात प्रकाशित हुई है कि चांगई-5 लूनर मिशन (Change 4) कमांडर झांग ही और अन्य एस्ट्रोनॉट्स ने दस और अन्य साइट्स की खोज की है, जहां पर एस्ट्रोनॉट्स को उतारा जा सकता है.
इन स्थानों को लेकर अमेरिका और चीन में झगड़ा
इन दस में से तीन स्पॉट्स ऐसे हैं जहां पर अमेरिकी साइट और चीनी लैंडिंग लोकेशन ओवरलैप कर रहे हैं. जैसे- अर्टेमिस-3 और चीन के चांगई-7 मिशन ने शैक्लेटॉन (Shackleton), हैवोर्थ (Haworth) और नोबिल क्रेटर (Nobile Crater) के पास लैंडिंग की जगह चुनी है. चीन का चांगई-7 का नाम चीनी भाषा में चंद्रमा की देवी चांगी के नाम पर रखा गया है. इसमें कोई इंसान नहीं जाएगा. यह एक ऑर्बिटर, लैंडर, मिनी प्रोब और रोवर होगा. चीन इस मिशन को अगले दो साल में लॉन्च करने जा रहा है.
फिलहाल दिक्कत इस वजह से हो रही है
चीन के ताइवान पर की गई कार्रवाई से अमेरिका नाराज है. चीन और अमेरिका के बीच एक कमेटी बनी है. जिसका नाम है यूएस-चाइना सिविल स्पेस डायलॉग (US-China Civil Space Dialogue). आखिरी बार इनकी बैठक साल 2017 में हुई थी. इसके तहत दोनों देशों के ब्यूरोक्रेट, अधिकारी और वैज्ञानिक अपनी-अपनी अंतरिक्ष संबंधी जानकारियों को साझा करते हैं. समस्याओं का हल बताते हैं. ताकि किसी तरह की दिक्कत न आए.
Space wars? NASA and China are eyeing some of the SAME landing sites near the moon's south pole https://t.co/ha1JBLn9jk
— Daily Mail Online (@MailOnline) September 1, 2022
अमेरिका ने चुने हैं ये 13 स्थान, जहां लैंडिंग होगी
फॉस्टिनी रिम ए, शैक्लेटॉन के पास की पहाड़ी, कनेक्टिंग रिज, कनेक्टिंग रिज एक्सटेंशन, डी जर्लेश रिम 1, डी जर्लेश रिम 2, डी जर्लेश-कोशर मैसिफ, हैवोर्थ, मालापर्ट मैसिफ, लिबनिट्ज बीटा प्लैट्यू, नोबिल रिम 1, नोबिल रिम 2और एमंडसेन रिम. सभी नाम किसी वैज्ञानिक या फिलॉस्फर के नाम पर हैं. ये सभी जगहें रहने और लैंडिंग के हिसाब से परफेक्ट हैं. यहां पर एस्ट्रोनॉट ज्यादा सुरक्षित रहेंगे. यहां तापमान भी ठीक रहता है. अर्टेमिस मिशन के तहत एस्ट्रोनॉट्स करीब सात दिन रहेंगे.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved