रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर (Raipur, the capital of Chhattisgarh) के एक रिसोर्ट में रुके झारखंड कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर (Jharkhand Congress President Rajesh Thakur) रिसॉर्ट से एयरपोर्ट के लिए रवाना हो चुके हैं. राजेश ठाकुर दिल्ली में होने वाली रैली में शामिल होंगे. बताया जा रहा है कि वह गुपचुप तरीके से निकले गए थे. बाकी सभी विधायक रिसॉर्ट में ही हैं. वहीं इस समय राज्यपाल रमेश बैस (Governor Ramesh Bais) भी दिल्ली में ही हैं. गठबंधन के विधायकों के साथ मुलाकात के दौरान राज्यपाल ने कहा था कि वह जल्द ही सभी संदेहों को दूर कर देंगे. वहीं आज सीएम हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) भी झारखंड जाने वाले हैं. वह पांच सितंबर को होने वाले विधानसभा सत्र को लेकर विधायकों से मुलाकात करेंगे.
झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कुर्सी खतरे में है. वह कभी भी अपना पद छोड़ सकते हैं. हेमंत सोरेन पर पद पर रहते हुए खुद को लाभांन्वित करने का आरोप है. चुनाव आयोग ने उनकी विधायकी रद्द करने की सिफारिश राज्यपाल रमेश बैस से की है, लेकिन अभी तक राज्यपाल ने हेमंत सोरेन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है. हालांकि मुख्यमंत्री पद की कुर्सी खतरे में पड़ते देख हेमंत सोरेन गठबंधन के विधायकों को बचाने में लगे हुए हैं. इसी को देखते हुए बीते दिन उन्होंने जेएमएम और कांग्रेस के 32 विधायकों को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के एक रिसॉर्ट में शिफ्ट कर दिया था.
सभी 32 विधायकों नवा रायपुर के मेफेयर रिसॉर्ट में रह रहे हैं. बीते दिन सरकार के चार मंत्री आलमगीर आलम, बन्ना गुप्ता, रामेश्वर उरांव और बादल पत्रलेख विमान से झारखंड लौट गए थे. इसमें से दो मंत्री बन्ना गुप्ता और बादल पत्रलेख फिर से फ्लाइट पकड़ रायपुर के होटल पहुंच गए हैं. हेमंत सोरेन का आरोप है कि भाजपा झारखंड में ऑपरेशन लोटस को अंजाम तक पहुंचाने में लगी हुई है. हेमंत सोरेन को डर है कि कहीं कांग्रेस के विधायक टूट न जाएं, क्योंकि बीते दिनों पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के तीन विधायक कैश के साथ पकड़े गए थे.
बता दें, गठबंधन के सभी विधायकों ने राज्यपाल रमेश बैस से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को विधायक बनाए रखने को लेकर चुनाव आयोग की सिफारिश पर अपना फैसला जल्द सुनाने की मांग की है. ताकि जल्द से जल्द स्थिति साफ हो सके. झारखंड विधानसभा में विशेष सत्र पांच सितंबर से है, जिसमें झारखंड के सभी विधायकों को उपस्थित रहने के लिए कहा गया है. सूत्रों के अनुसार, सभी विधायक पांच सितंबर से पहले रांची लौट आएंगे. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को विधायक बनाए रखने को लेकर असमंजस के बीच राज्यपाल रमेश बैस शुक्रवार को दिल्ली पहुंच गए.
वहीं राज्यपाल रमेश बैस के दिल्ली दौरे ने जेएमएम और कांग्रेस विधायकों की धड़कनों को तेज कर दिया है. बीते गुरुवार को गठबंधन के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के दौरान राज्यपाल रमेश बैस ने कहा था कि वह जल्द ही सभी संदेहों को दूर कर देंगे. हालांकि चुनाव आयोग के फैसले को अभी तक आधिकारिक नहीं बनाया गया है, लेकिन चर्चा है कि चुनाव आयोग ने एक विधायक के रूप में मुख्यमंत्री की अयोग्यता की सिफारिश की है.
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