भोपाल। होशियार हो जाएं! और राह चलते आसपास से गुजर रही गाडिय़ों के नंबर पर भी नजर डालते रहिए। कहीं कोई और वाहन चालक आपकी गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर तो इस्तेमाल नहीं कर रहा है। राजधानी में ऐसे ढेर सारे मामले सामने आ रहे हैं जिनमें लोगों के घरों पर उनकी गाड़ी के रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर ई-चालान भेजे जा रहे हैं। लेकिन चौंकने वाला पहलू यह है कि ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले जिस वाहन का फोटो ई-चालान पर चस्पा होता है वो वाहन उनका होता ही नहीं है। राजधानी में 250 से अधिक ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें पीडि़त लोग यातायात थाने अपनी शिकायतें लेकर पहुंचे हैं।
नंबर मेरा पर गाड़ी मेरी नहीं
मंदिर वाली गली दुर्गा चौक तलैया में रहने वाले अरविंद नेमा ने विगत 13 अगस्त को यातायात थाने में शिकायती आवेदन देते हुए बताया कि कुछ दिन पहले उन्हें ई-चालान संबंधी एक पत्र मिला था। टै्रफिक नियम के उल्लंघन का हवाला देते हुए चालान की राशि 250 रुपए जमा करने के लिए कहा गया था। लेकिन मैं उस समय चौंक गया जब मेरी नजर ई-चालान पर चस्पा फोटो पर पड़ी। फोटो में जो गाड़ी दिखाई गई थी वो उनकी नहीं है लेकिन उस गाड़ी पर जो रजिस्ट्रेशन नंबर था, वो जरूर उनका ही था।
बीएस-4 व बीएस-5 के वाहन बिना रजिस्टे्रशन
बताया जा रहा है कि राजधानी में बड़ी संख्या में ऐसे वाहन चल रहे हैं जिनका रजिस्ट्रेशन ही नहीं हुआ है। यह वाहन बीएस-4 व बीएस-5 के वाहन कहलाते हैं जो साल 2018-2019 में केन्द्र सरकार के आदेश पर प्रतिबंधित कर दिए गए थे। दरअसल भारत स्टेज इमीशन स्टैंडर्ड (बीएसईएस) के तहत इन वाहनों को बड़ी मात्रा में प्रदूषण फैलाने वाले वाहन घोषित किया गया था। इस तरह के विक्रय पर भी पूरी तरह से बेन लगा दिया गया था। ऐसी स्थिति में बीएस-4 और बीएस-5 के वाहनों को सेल लगाकर सस्ते दामों में बेच दिया गया था। ऐसे वाहन बेचते समय डीलर ने शर्त रखी थी कि रजिस्ट्रेशन ग्राहक को खुद कराना पड़ेगा। इसमें डीलर की जवाबदारी नहीं रहेगी।
संंबंधित थाने भेज दी जाती हैं शिकायतें
टै्रफिक पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि शहर में ऐसे ही बिना रजिस्ट्रेशन के वाहन बड़ी सं या में मौजूद हैं। रजिस्ट्रेशन नहीं होने की दशा में वाहन मालिक कोई भी मनचाहा नंबर अपनी गाड़ी पर लिखवाकर उपयोग कर रहे हैं। ट्रैफिक थाना प्रभारी एसआई देवेन्द्र यादव का कहना है कि ऐसे कई शिकायती आवेदन टै्रफिक थाने में आए हैं जिनमें ई-चालान को लेकर शिकायत की गई है। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि जिस वाहन को लेकर उन्हें ई-चालान उनको भेजा गया है, वो वाहन उनका है ही नहीं। कोई जालसाज उनके वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर लिखवाकर अपना वाहन चला रहा है। ऐसे मामलों में टै्रफिक विभाग सिर्फ ई- चालान निरस्तीकरण की कार्रवाई कर सकता है। आगे की जांच के लिए प्रतिवेदन संबंधित क्षेत्र के थाने ोज दिया जाता है। पीडि़त से भी कहा जाता है कि वह इस बाबत आवेदन लोकल थाने में दे दे।
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