नई दिल्ली। हर एक दिन का अपना कुछ महत्व होता है और हर दिन के पीछे एक इतिहास छुपा होता है। ठीक ऐसे ही पांच सितंबर का दिन भी हर एक छात्रों और शिक्षकों के लिए खासा महत्व रखता है। दरअसल, हर किसी के आगे बढ़ने में, जीवन को सफल बनाने में गुरू का हाथ होता है। शिक्षक अपने छात्रों को सही राह दिखाता है, सही ज्ञान देता है और मार्गदर्शन भी करता है। इसलिए बच्चों के जीवन में शिक्षकों का खास महत्व होता है। ऐसे में हर साल 5 सितंबर के दिन शिक्षक दिवस मनाया जाता है। इस दिन स्कूलों में बच्चे शिक्षकों की भूमिका निभाकर स्कूल का संचालन करते हैं। लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि आखिर 5 सितंबर को ही क्यों शिक्षक दिवस मनाया जाता है? आखिर इस दिन का इतिहास क्या है? शायद नहीं, तो चलिए इस दिन के बारे में जानते हैं।
भारत में कब मनाया जाता है? : जहां एक तरफ यूनेस्को ने साल 1994 में 5 अक्टूबर को शिक्षक दिवस मनाने की घोषणा की थी। तो वहीं, भारत में हर साल शिक्षक दिवस 5 सितंबर को मनाया जाता है। इस दिन स्कूलों में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं और शिक्षक दिवस को मनाया जाता है।
कब मनाया जाता है शिक्षक दिवस? : बात अगर शिक्षक दिवस को मनाने की करें, तो डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस (5 सितंबर) के मौके पर ये मनाया जाता है। डॉक्टर सर्वपल्ली भारत के पहले उप-राष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति भी थे।
क्यों मनाया जाता है?
ये बात शायद आप जानते हों कि डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस के मौके पर 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। लेकिन आप ये नहीं जानते होंगे कि इसके पीछे एक रोचक कहानी है। हुआ ये था कि एक बार छात्रों ने डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन से पूछा कि उनके जन्मदिन का आयोजन किया जाए? इस पर सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने जवाब दिया कि ये अच्छी बात है कि आप लोग मेरा जन्मदिन मनाना चाहते हैं। लेकिन आप अगर इस दिन को शिक्षकों द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए गए योगदान और समर्पण को सम्मानित करते हुए मनाएं, तो मुझे सबसे ज्यादा खुशी होगी। बस इसी बात का सम्मान करते हुए हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
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