इंदौर। शहर में बड़ी संख्या में पाकिस्तानी सिंधी परिवार रहते हैं। इनका समय-समय पर वीजा एक्सटेन करवाना होता है और डीएसबी में उपस्थित होना होता है, लेकिन 350 से अधिक परिवारों ने हाजिरी नहीं भरवाई। इसके चलते अब इंटेलिजेंस विंग उनकी खोज में लगी है। बताते हैं कि दो माह में ज्यादातर को हाजिर करवाया गया है, जबकि अभी भी कुछ मिसिंग हैं।
पुलिस सूत्रों के अनुसार शहर में लगभग आठ हजार पाकिस्तानी सिंधी सालों से रह रहे हैं। समय-समय पर इन लोगों की वीजा अवधि बढ़ाई जाती है। इनको हर साल रीगल तिराहा स्थित पुराने ऑफिस में मौजूद डीएसबी के ऑफिस में उपस्थित होकर हाजिरी लगाने का नियम है। ऐसा नहीं करने पर दंड का प्रावधान है। दंड काफी कम होने से ये लोग हाजिर नहीं होते और शहर में कामकाज में लगे रहते हैं। कुछ मामलों में देखा गया है कि कुछ जासूसी में भी पकड़े गए हैं। इसके चलते इंटेलिजेंस विंग इन पर नजर रखती है। इस साल 350 से अधिक ऐसे पाकिस्तानी सिंधी मिसिंग थे। उनके बारे में कोई जानकारी नहीं थी।
इसके चलते डीसीपी रजत सकलेचा ने डीएसबी को उनकी खोज में लगाया था। बताते हैं कि दो माह से यह कार्रवाई जारी है। डीएसबी ने इनमें से ज्यादातर को खोज निकाला है। अभी भी मिसिंग लोगों की खोज जारी है। उनके पते पर टीमें जा रही हैं और हाजिर होने का नोटिस दिया जा रहा है। हाजिर हुए कुछ लोगों का कहना है कि उनको नागरिकता मिल चुकी है, इसलिए नहीं आए। वहीं कुछ लोग कामकाज के चलते नहीं पहुंचे। ज्ञात रहे कि इंदौर में कुछ सालों में बड़ी संख्या में पाकिस्तानी सिंधियों को भारत की नागरिकता मिल चुकी है, जबकि बाकी के मामले प्रोसेस में हैं।
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