अहमदाबाद। केंद्र सरकार (Central Government) ने दोषसिद्धि दर को विकसित देशों से भी अधिक करने और आपराधिक न्याय प्रणाली (Criminal Justice System) को फोरेंसिक विज्ञान जांच (Forensic Science Investigation) से जोड़ने का लक्ष्य रखा है. सरकार का लक्ष्य छह साल से अधिक की सजा वाले अपराधों के लिए फोरेंसिक जांच (Forensic Investigation ) को अनिवार्य व कानूनी बनाना है. सरकार देश के सभी जिलों में फोरेंसिक जांच सुविधा उपलब्ध कराएगी और यह सुनिश्चित करने के लिए एक कानूनी ढांचा तैयार किया जाएगा कि जांच की स्वतंत्रता एवं निष्पक्षता बनी रहे. गांधीनगर (Gandhinagar) के प्रथम दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने उक्त बातें कही हैं.
केंद्रीय मंत्री शाह ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और साक्ष्य अधिनियम में बदलाव करने जा रही है, क्योंकि किसी ने भी स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद इन कानूनों को भारतीय परिप्रेक्ष्य में नहीं पाया.’ शाह ने कहा, ‘स्वतंत्र भारत में इन कानूनों को फिर से बनाने की जरूरत है. इसलिए, हम आईपीसी, सीआरपीसी और साक्ष्य अधिनियम में बदलाव के लिए कई लोगों से परामर्श कर रहे हैं.’
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘इसके तहत हम छह साल से अधिक की सजा वाले अपराधों के लिए फोरेंसिक जांच के प्रावधान को अनिवार्य और कानूनी बनाने जा रहे हैं.’ उन्होंने कहा कि इसके लिए बड़ी संख्या में फोरेंसिक विज्ञान विशेषज्ञों की आवश्यकता होगी. शाह ने कहा कि एनएफएसयू से स्नातक करने वाला कोई भी छात्र नौकरी से वंचित नहीं रहेगा.
उन्होंने कहा कि सरकार ने फोरेंसिक बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, फोरेंसिक विशेषज्ञ तैयार करने, फोरेंसिक प्रौद्योगिकी प्रदान करने और फोरेंसिक अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए काम किया है ताकि देश को फोरेंसिक विज्ञान के क्षेत्र में विश्व स्तर पर शीर्ष स्थान पर ले जाया जा सके. उन्होंने कहा, ‘हम इसके आधार पर देश के फोरेंसिक विज्ञान क्षेत्र को मजबूत करना चाहते हैं. इन चार क्षेत्रों में पिछले तीन वर्षों में काफी काम किया गया है.’
शाह ने इस अवसर पर एनएफएसयू में डीएनए फोरेंसिक केंद्र, साइबर सुरक्षा केंद्र और अन्वेषण एंव फोरेंसिक मनोविज्ञान केंद्र का भी उद्घाटन किया. उन्होंने कहा, ‘ये तीन केंद्र शिक्षा और प्रशिक्षण के अलावा अनुसंधान तथा विकास के बड़े केंद्र भी होंगे. मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में नयी यात्रा के साथ, भारत इन तीन क्षेत्रों में फोरेंसिक विज्ञान का वैश्विक केंद्र बन जाएगा.’
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