नई दिल्ली: बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड चैंपियनशिप में एचएस प्रणॉय के हार के साथ ही सिंगल्स में भारतीय चुनौती समाप्त हो गई है. प्रणॉय को क्वार्टर फाइनल में चीन के झाओ जुन पेंग ने 19-21, 21-6, 21-18 से हराया. प्रणॉय ने भारत के ही युवा सनसनी लक्ष्य सेन को मात देकर अंतिम-आठ में जगह बनाई थी. पीवी सिंधु की अनुपस्थिति में इस बार एचएस प्रणॉय, किंदाबी श्रीकांत और लक्ष्य सेन से गोल्ड मेडल की उम्मीद थी. प्रणॉय और श्रीकांत को एक ही खिलाड़ी झाओ जुन पेंग ने हराया.
सात्विक-चिराग की जोड़ी ने डबल्स में 11 साल बाद भारत को दिलाया पदक
इससे पहले सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी सेमीफाइनल में पहुंची. इस भारतीय जोड़ी ने जापान के ताकुरो होकी और युगो कोबायाशी को 24-22, 15-21, 21-14 से हराया. वर्ल्ड चैंपियनशिप 2022 में भारत का पहला मेडल इसी जोड़ी ने पक्का किया. बैडमिंटन विश्व चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में पहुंचने वाले खिलाड़ी का कांस्य पदक पक्का हो जाता है. वर्ल्ड चैंपियनशिप में यह भारत का 13वां मेडल है.
डबल्स मुकाबलों में भारत ने दूसरी बार मेडल पाया है. इससे पहले ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा की जोड़ी ने 2011 में वुमेंस डबल्स में पदक जीता था. इस माह के शुरू में कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने वाली विश्व में 7वें नंबर की भारतीय जोड़ी ने बेहतरीन प्रदर्शन करके खिताब की प्रबल दावेदार और मौजूदा चैंपियन जापानी जोड़ी को एक घंटे 15 मिनट तक चले मैच में हराया. इसके साथ ही पहली बार विश्व चैंपियनशिप में अपने लिए पदक सुनिश्चित किया.
एमआर अर्जुन और ध्रुव कपिला की जोड़ी हुई बाहर
इससे पहले एमआर अर्जुन और ध्रुव कपिला का विजय अभियान तीन बार के गोल्ड मेडल विजेता मोहम्मद अहसान और हेंड्रा सेतियावान की जोड़ी से पुरुष युगल क्वार्टर फाइनल में हारने के साथ समाप्त हो गया. गैरवरीय भारतीय जोड़ी को इंडोनेशिया की तीसरी वरीय जोड़ी से 30 मिनट से भी कम समय में 8-21, 14-21 से हार का सामना करना पड़ा.
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