नई दिल्ली। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में अहमदिया समुदाय के लोगों की कब्रों से बेअदबी का मामला सामने आया है। इन कब्रों में इस्लामिक प्रतीकों का इस्तेमाल किया गया था, जिससे कट्टरपंथी भड़के हुए थे। इसी के चलते कट्टरपंथी तत्वों ने 16 कब्रों से बेअदबी की है। यह घटना लाहौर से 150 किलोमीटर दूर फैसलाबाद जिले में स्थित आरबी मानावाला इलाके में हुई है।
अहमदिया समुदाय के कब्रिस्तान में बनी कई कब्रों पर इस्लामिक आयतें लिखी थीं, जिस पर कट्टरपंथियों को आपत्ति थी। मरहूमों की कब्रों से भी इस तरह कट्टरपंथियों की बेअदबी ने अल्पसंख्यक समुदाय की चिंताओं को बढ़ा दिया है। अहमदिया समुदाय के लोग भले ही खुद को इस्लाम का ही अनुयायी मानते हैं, लेकिन पाकिस्तान में मुस्लिम उन्हें खुद से अलग मानते हैं।
हिंदू, ईसाई और अन्य धर्म के लोगों को जिस तरह पाकिस्तान में भेदभाव का सामना करना पड़ता है, ऐसे ही कुछ हालात अहमदिया समुदाय के लोगों के लिए भी हैं। अहमदिया जमात के पंजाब के प्रवक्ता आमिर महमूद ने बुधवार को बताया कि फैसलाबाद जिले के चक 203 आरबी मानावाला में एक कब्रिस्तान में कुछ अज्ञात लोगों ने अहमदी समुदाय की 16 कब्रों से बेअदबी की। समुदाय के क्रबिस्तान की कई कब्रों पर लगे पत्थरों पर आयतें लिखी थीं।
पाकिस्तान में इस साल 185 कब्रों से की जा चुकी है बेअदबी
महमूद ने कहा कि यह कब्रिस्तान 75 साल पुराना है और इससे पहले ऐसी कोई घटना नहीं हुई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि क्षेत्र के मुस्लिम मौलवी अहमदिया समुदाय के खिलाफ नफरत फैला रहे हैं और इसी वजह से कट्टरपंथियों ने समुदाय की कब्रों से बेअदबी की है।
उन्होंने कहा, ‘इस हरकत से मृतकों के परिजन काफी दुखी हैं और उन्हें सरकार से ही इंसाफ की आस है। यह कृत्य न सिर्फ गैरकानूनी है बल्कि साफतौर से सभी मानवीय मूल्यों के खिलाफ भी है।’
पाकिस्तान के विभिन्न हिस्सों में पूर्व में भी अहमदिया समुदाय के सदस्यों की कब्रों को कट्टरपंथियों द्वारा निशाना बनाया गया है। महमूद के मुताबिक, सिर्फ इस साल ही 185 कब्रों से बेअदबी की जा चुकी है।
1974 में अहमदियों को पाकिस्तान में घोषित किया गया था गैर-मुस्लिम
उन्होंने कहा कि लगातार उत्पीड़न होना बताता है कि पाकिस्तान में अहमदिया समुदाय की क्या स्थिति है। पाकिस्तान की संसद ने 1974 में अहमदी समुदाय को गैर मुस्लिम घोषित कर दिया था। एक दशक बाद समुदाय पर खुद को मुस्लिम कहने पर भी प्रतिबंध लगा दिया था। उनपर उपदेश देने और हज व उमरा के लिए सऊदी अरब जाने पर भी रोक है। पाकिस्तान की 22 करोड़ की आबादी में से करीब एक करोड़ लोग गैर मुस्लिम हैं।
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