जबलपुर। मप्र के नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह ने राज्य मानवाधिकार आयोग में जस्टिस मनोहर ममतानी की नियुक्ति को चुनौती दी है। नेता प्रतिपक्ष की याचिका को जबलपुर हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया है और मामले में राज्य सरकार सहित मध्यप्रदेश मानवाधिकार आयोग को नोटिस जारी किए हैं।
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और मानवाधिकार आयोग से पूछा है कि जस्टिस मनोहर ममतानी को आयोग का सदस्य नियुक्त करने में नेता प्रतिपक्ष की राय ली गई या नहीं और अगर नहीं ली गई तो इसका कारण क्या था। याचिका में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मानवाधिकार आयोग में जस्टिस मनोहर ममतानी का कार्यकाल खत्म होने पर उन्हें फिर से आयोग में सदस्य नियुक्त किया गया है लेकिन कानूनन ये फैसला मुख्यमंत्री, गृहमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष की संयुक्त बैठक में लिया जाना था।
याचिका में डॉक्टर गोविंद सिंह का आरोप है कि उनकी राय लिए बिना ही जस्टिस मनोहर ममतानी को फिर से आयोग का सदस्य बना दिया गया, लिहाजा उनकी नियुक्ति रद्द की जाए। फिलहाल हाईकोर्ट ने मामले में राज्य सरकार और मानवाधिकार आयोग से जवाब मांगा है। नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने कहा है कि हाईकोर्ट उनकी याचिका पर गंभीरता से सुनवाई करते हुए जरूर इंसाफ देगा।
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