कीव। रूस (Russia) ने सोमवार तड़के दक्षिणी यूक्रेन (Southern Ukraine) में यूरोप के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र (Europe’s largest nuclear power plant) के पश्चिमी शहरों पर रॉकेट दागे हैं। जबकि राजधानी कीव ने रूसी हमलों के डर से सोवियत शासन से आयोजित होते रहे स्वतंत्रता समारोह के मौके पर इस सप्ताह रैलियों पर पाबंदी लगा दी है।
रूस के कब्जे वाल दिनिप्रो नदी के दक्षिणी तट पर जपोरिझिया परमाणु संयंत्र परिसर के पास तोपखाने और रॉकेट के हमलों ने क्षेत्र में परमाणु आपदा का खतरा भड़का दिया है। इसे देखते हुए आसपास के क्षेत्र का विसैन्यीकरण करने की अपील की गई है। जानकारी के मुताबिक, संयंत्र पर हुए हमलों के चलते इसका कुछ हिस्सा बर्बाद हो गया है।
फरवरी में यूक्रेन पर हमले के तुरंत बाद रूसी सेना ने इस संयंत्र पर कब्जा कर लिया था। लेकिन यह अब भी मुख्य रूप से यूक्रेनी तकनीशियनों द्वारा चलाया जा रहा है। क्षेत्रीय गवर्नर वैलेंटाइन रेजनिचेंको ने सोमवार को टेलीग्राम पर लिखा कि रातों-रात रूसी रॉकेट निकोपोल, रूसी कब्जे वाले एनरहोदर से निप्रो के पार, क्रिवी रिह और सिनेलनिकोवस्की क्षेत्रों पर आक्रामक हुए और रॉकेट बरसाए। यहीं एटमी संयंत्र है।
जर्मनी में गैस आपूर्ति घटाएगा रूस
यूरोप को दी जाने वाली प्राकृतिक गैस की आपूर्ति में रूस लगातार कटौती कर रहा है। रूस ने अब यहां तीन दिनों तक और अधिक कटौती की घोषणा की है। जबकि इस कटौती के चलते पहले ही जर्मनी में हालात सबसे खराब हैं और लोग गैस की भारी किल्लत और बढ़ते दामों से परेशान हैं। जर्मनी के वित्तमंत्री रॉबर्ट हेबेक ने सोमवार को कहा कि सर्दियों में गैस आपूर्ति में कमी के कारण लोगों को मुश्किल समय का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने खपत को काबू में रखने की अपील की है। बता दें, पूरा यूरोप बिजली तथा बिजली उद्यगों के लिए मॉस्को की गैस पर निर्भर है।
यूक्रेन में नवजातों को बचाने में जुटे डॉक्टर
पूर्वी यूक्रेन के पोकरोव्स्क शहर में कई बच्चों को युद्ध की विभीषिका के चलते विकार पैदा होने लगे हैं। कुछ बच्चे ऐसे हैं जिनका वजन मात्र 1.5 किलोग्राम ही है। इन्हें ऑक्सीजन दी जा रही है और पीलिया पीड़ित होने के चलते उन्हें ‘इनक्यूबेटर’ में रखा जा रहा है। डॉ. टेटियाना मायरोशिनचेंको ने कहा, डॉक्टरों की चुनौतियां बढ़ गई हैं। क्षेत्र में कई अस्पताल तबाह हो गए हैं।
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