इंदौर। देर रात को एक युवती सहित पांच युवकों ने फांसी लगा ली। इनमें चार की तो मौत हो गई, जबकि एक सरकारी कर्मचारी को जन्मदिन मना रहे लोगों की भीड़ ने बचा लिया और समय पर अस्पताल पहुंचाया तो उसकी जान बच गई। पहली घटना में एमआईजी पुलिस ने बताया कि क्षेत्र के रहने वाले 25 वर्षीय अंकित पिता शिवप्रसाद ने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। अंकित मार्केटिंग का काम करता था। उसके पिता और माता की पहले ही मौत हो चुकी है।
कल अंकित के दोस्त ने घर जाकर देखा तो वह फंदे पर लटका मिला। दोस्त भी नहीं बता पा रहा है कि उसे क्या परेशानी थी। किसी प्रकार का सुसाइड नोट भी अभी तक नहीं मिलने की बात बताई जा रही है। संभवत: माता-पिता की मौत के बाद वह अवसाद में आ गया होगा। दूसरी घटना में द्वारकापुरी पुलिस ने बताया कि श्रद्धा-सबुरी कॉलोनी की रहने वाली दीक्षा पिता विनोद ने भी फांसी लगाकर जान दे दी।
बताया जा रहा है कि वह बीकॉम की छात्रा थी। उसे छोटी बहन ने फंदे पर लटका देखा तो शोर मचाया और उसे परिजन के साथ फंदे से उतारा, तब तक देर हो चुकी थी। कल वह खाना खाकर अपने कमरे में चली गई और काफी देर तक दरवाजा नहीं खोला तो बहन उसे देखने पहुंची थी। आजाद नगर पुलिस ने बताया कि मयूर नगर निवासी रिक्शा चालक संतोष पिता कैलाश ने भी फांसी लगा ली। जिस समय उसने यह कदम उठाया, उसकी पत्नी बाजार गई थी। वह लौटी तो पति को फंदे पर लटका देख शोर मचाया। उसे फंदे से उतारा, तब तक देर हो चुकी थी। उधर आजाद नगर क्षेत्र के रहने वाले विकास को भी परिजन मृत अवस्था में एमवाय लेकर पहुंचे।
पलासिया थाना क्षेत्र के राम नगर में रहने वाले अशोक पिता भागीरथ ने भी फांसी लगा ली थी। राम नगर में ही उसके घर में सामने रहने वाले एक शख्स के जन्मदिन के अवसर पर पास के सांई मंदिर में लोगों की भीड़ केक काट रही थी। इसी बीच अशोक की मां शोर करते हुए बाहर आई और बेटे को बचाने की गुहार लगाई। जन्मदिन मना रही भीड़ उसके घर की ओर दौड़ी और अशोक को फंदे से उतारकर उसकी जान बचाई। अशोक के पिता भागीरथ शासकीय विभाग में पदस्थ थे। उनकी मौत के बाद अशोक को अनुकंपा नियुक्ति मिली थी।
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