– गेहूं उत्पादन करीब 3 फीसदी घटकर 10.684 करोड़ टन रहने का अनुमान
नई दिल्ली। देश (country) में गेहूं के स्टॉक की कमी (shortage of wheat stock) और आयात को लेकर सरकार की ओर से कहा गया है कि गेहूं आयात करने की कोई योजना नहीं (No plan to import wheat) है। देश की जरूरतों को पूरा करने के लिए उसके पास गेहूं का पर्याप्त भंडार है।
सूत्रों के मुताबिक भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के पास सार्वजनिक वितरण के लिए गेहूं का पर्याप्त भंडार है। ऐसे में भारत की गेहूं आयात करने की कोई योजना नहीं है। देश में घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए इसका पर्याप्त भंडार है। दरअसल में यह टिप्पणी उस खबरों के बाद आई है, जिनमें कहा गया था कि भारत आने वाले समय में गेहूं का आयात कर सकता है। खबर में कहा गया था कि अगस्त में गेहूं का स्टॉक 14 महीने के न्यूनतम स्तर पर है।
दरअसल हाल ही में कृषि मंत्रालय ने फसल वर्ष 2021-22 में भारत का गेहूं उत्पादन लगभग 3 फीसदी घटकर 10.684 करोड़ टन रहने का अनुमान जताया है। हालांकि, फसल वर्ष 2021-22 में देश का कुल खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड 31.572 करोड़ टन होने का अनुमान जताया गया है। मंत्रालय के मुताबिक देश के उत्तरी राज्यों पंजाब और हरियाणा में गेहूं की फसल पकने के समय भीषण गर्मी पड़ने से गेहूं का उत्पादन कम होने का अनुमान है। कृषिमंत्रालय ने फसल वर्ष 2021-22 के चौथे अग्रिम अनुमान में चावल, मक्का, चना, दलहन, तिलहन और गन्ने के उत्पादन का नया रिकॉर्ड बना है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जुलाई महीने में गेहूं की कीमतों में 11.7 फीसदी की तेजी आई है, जबकि थोक कीमतें 13.6 फीसदी बढ़ी है। गौरतलब है कि भारत गेहूं का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश होने के बावजूद बहुत ज्यादा निर्यात नहीं करता है, लेकिन देश में गेहूं के सालाना उत्पादन का 0.02 फीसदी आयात विदेश से होता है। (एजेंसी, हि.स.)
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