नई दिल्ली। तमाम महंगाई के बीच अब मोबाइल रिपेयर कराना भी महंगा होने वाला है। मोबाइल की डिस्प्ले से लेकर सिम कार्ड ट्रे और पावर बटन तक को रिपेयर का बदलवाना महंगा पड़ेगा। सरकार ने मोबाइल पार्ट्स पर 15 फीसदी बेसिक कस्टम ड्यूटी (बीसीडी) लगाने का फैसला लिया है। इसकी जानकारी केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने अपने एक बयान में दी है।
CBIC ने कहा है कि सीबीआईसी ने कहा कि सेल्युलर मोबाइल फोन की डिस्प्ले एसेंबली आयात को लेकर भ्रम बना हुआ है। फिलहाल मोबाइल फोन की डिस्प्ले असेंबली पर 10 प्रतिशत सीमा शुल्क लगता है और डिस्प्ले असेंबली के निर्माण के लिए अलग से इनपुट या पुर्जों के आयात पर शून्य शुल्क लगता है।
यदि कोई अन्य आइटम जैसे सिम ट्रे, एंटीना पिन, स्पीकर नेट, पावर की, स्लाइडर स्विच, बैटरी कम्पार्टमेंट, वॉल्यूम, पावर, सेंसर, स्पीकर, फिंगर प्रिंट आदि के लिए फ्लेक्सिबल प्रिंटेड सर्किट (FPCs), डिस्प्ले असेंबली के साथ धातु/प्लास्टिक के बैक सपोर्ट फ्रेम के साथ आयात होते हैं तो पूरी असेंबली में 15 प्रतिशत की बीसीडी दर लगेगी। कहने का मतलब है कि पूरी फ्रेम के साथ यदि आप डिस्प्ले बदलवाते हैं तो पार्ट्स पर आपको पहले के मुकाबले अधिक कीमत चुकानी होगी।
बता दें कि साल 2016 में ही सरकार ने मोबाइल फोन निर्माण के लिए एक चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम (पीएमपी) अधिसूचित किया था ताकि देश में विनिर्माण क्षमताएं पैदा की जा सकें और घरेलू प्रोडक्शन को बढ़ाया जा सके। यह टैक्स भी इसी को ध्यान में रखते हुए लगाया गया है। सरकार का कहना है कि उसने पार्ट्स वाले मोबाइल डिस्प्ले एसेंबली के इम्पोर्ट पर कस्टम ड्यूटी को लेकर कन्फ्यूजन को दूर किया है।
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