रिकार्डिंग के आधार पर केस दर्ज, एमआईजी के दो जवानों पर भी ऐसे ही दर्ज हुआ था केस
इंदौर। अब यदि रिश्वतखोर (Bribercore) रंगेहाथों (Red handed) भी नहीं पकड़ाते हैं तो भी उनके खिलाफ लोकायुक्त पुलिस (Lokayukta Police) केस दर्ज कर रही है। कल धार कृषि उपज मंडी ( Dhar Agricultural Produce Market) के एक सहायक उपनिरीक्षक भी रिश्वत (Bribery) लेने से पहले निकल गया था, लेकिन फिर भी उसके खिलाफ केस दर्ज किया गया है। ऐसा ही कुछ दिन पहले एमआईजी थाने के दो जवानों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था।
लोकायुक्त एसपी को दो दिन पहले धार के मंडी व्यापारी रोहित जैन ने शिकायत की थी कि उसने मंडी में उपज खरीदी थी, जिसको कहीं और बेचना चाहता था, लेकिन मंडी निरीक्षक महेंद्र रणदा ने उससे कहा कि इसके लिए 15 हजार रुपए देना होंगे। यही नहीं उसका लायसेंस भी ब्लॉक कर दिया है। इस पर लोकायुक्त पुलिस ने पैसे की बातचीत की रिकार्डिंग की और फिर ट्रैप लगाया, लेकिन जब फरियादी वहां पैसे देने पहुंचा तो शंका होने पर निरीक्षक मंडी से चला गया, लेकिन फिर भी लोकायुक्त पुलिस ने रिकार्डिंग की गई बातचीत के आधार पर उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तरह केस दर्ज कर लिया है। मामला जांच में ले लिया गया है। ऐसा ही कुछ दिन पहले एमआईजी थाना क्षेत्र में हुआ था। यहां थाने के दो जवान श्याम जाट और नरेंद्रसिंह ने कपिल नामक व्यक्ति को छोडऩे के एवज में रिश्वत की मांग की थी। 15 हजार अभी और बाकी बाद में देना तय हुआ था। इसकी रिकार्डिंग उसकी पत्नी ने कर ली थी। पुलिस जब दोनों जवानों को ट्रैप करने पहुंची तो जवानों ने महिला को थाने के पीछे बुलाया और बाइक के बैग में पैसे रखने का कहा और टीम उनको पकड़ती इसके पहले रफूचक्कर हो गए, लेकिन इस मामले में भी लोकायुक्त पुलिस ने केस दर्ज किया था। बाद में एसआई सहित तीन लोगा सस्पेंड हो गए थे।
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