नई दिल्ली। दुनिया के कई देशों में वैज्ञानिकों ने मंकीपॉक्स संक्रमण (monkeypox infection) के कांगो स्वरूप में अहम बदलाव (Significant changes in Congo’s form) देखे हैं। अब तक भारत में सामने आए संक्रमित रोगियों में इस तरह के बदलाव हैं या नहीं? इसे लेकर नई दिल्ली स्थित भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) (Indian Council of Medical Research (ICMR)) की एक टीम ने अध्ययन भी शुरू कर दिया है।
वैज्ञानिकों का मानना है कि अध्ययन से वायरस की गंभीरता का पता चलेगा ताकि उससे बचाव किया जा सके। वहीं, कई मामले ऐसे भी सामने आए हैं, जिनमें कोई लक्षण नहीं दिखा। नई दिल्ली स्थित आईजीआईबी के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. विनोद स्कारिया ने बताया, हाल में यूके से एक मरीज अमेरिका पहुंचा, जो कि मंकीपॉक्स से संक्रमित था। लेकिन उसके यौन संपर्क, वायरल प्रोड्रोम या फिर घाव की हिस्ट्री नहीं थी।
उन्होंने बताया, कई देशों में ऐसे मामले मिले हैं, जिनमें संक्रमण के लक्षण नहीं थे। भारत में भी ऐसा एक मामला सामने आया था जब केरल में एक युवक की मौत हुई थी। मृतक युवक की त्वचा पर घाव नहीं थे।
भारत के लिए घातक नहीं मंकीपॉक्स
आईसीएमआर के पूर्व महामारी विशेषज्ञ डॉ. रमन गंगाखेड़कर ने कहा, भारत के लिए मंकीपॉक्स का संक्रमण घातक नहीं है, क्योंकि अभी तक अमेरिका और यूके की तुलना में हमारे देश की स्थिति काफी अलग है। हालांकि, उन्होंने महामारी विज्ञान के तहत संक्रमण की निगरानी लगातार जारी रखने की सलाह भी दी है।
मंकीपॉक्स की जांच किट, टीका बनाने के लिए 31 कंपनियों ने दिए आवेदन
मंकीपॉक्स वायरस की जांच किट और टीका उत्पादन के लिए अब तक 31 कंपनियों के आवेदन मिले हैं। इनमें से आठ ने टीके में रुचि दिखाई है। इनमें पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, रिलायंस लाइफ साइंसेज, डॉ. रेड्डीज लैबोरेट्रीज, बायोलॉजिकल ई, मुंबई स्थित हाफकिन इंस्टीट्यूट और इंडियन इम्यूनोलॉजिकल लिमिटेड कंपनी शामिल हैं।
दुनियाभर में प्रयोग होने वाले 60 प्रतिशत टीकों की आपूर्ति करता है भारत : वित्तमंत्री
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि दुनिया में इस्तेमाल होने वाले सभी टीकों में लगभग 60 प्रतिशत का उत्पादन भारत में होता है। व्यय विभाग के अतिरिक्त सचिव सज्जन सिंह यादव की पुस्तक ‘इंडियाज वैक्सीन ग्रोथ स्टोरी’ का विमोचन करते हुए वित्त मंत्री ने कहा, भारत आज प्रत्येक नागरिक को दोहरी खुराक दे रहा है। लॉकडाउन के दौरान भी देश ने कोविड-19 टीकों का उत्पादन किया। इतने बड़े पैमाने पर वैक्सीन का उत्पादन और लोगों को खुराक देना आसान नहीं था।
ड्रग कंट्रोलर का कार्यकाल 3 माह बढ़ा
नई दिल्ली। भारत के ड्रग कंट्रोलर डॉ. वीजी सोमानी का कार्यकाल तीन माह आगे बढ़ाया गया है। 14 अगस्त, 2019 को केंद्र ने डॉ. सोमानी को ड्रग कंट्रोलर नियुक्त किया था।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved