नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने कानून बनाने के संबंध में अपने सभी मंत्रालयों को अहम निर्देश दिया है. इसके तहत किसी भी विषय पर कानून बनाते समय कैबिनेट नोट में वैश्विक कार्यप्रणाली-कानूनों पर विशेष ध्यान देने को कहा गया है. इसके साथ ही नोट्स की प्रति को प्रधानमंत्री कार्यालय और कैबिनेट सचिवालय को भी भेजने का निर्देश जारी किया गया है. इस सर्कुलर में कहा गया है कि जब भी कोई मंत्रालय कानून का मसौदा तैयार करे तो कैबिनेट के सामने भेजने से पहले इसके सभी पहलुओं पर गंभीरता से विचार करें.
सर्कुलर में कहा गया है कि सभी कैबिनेट नोट्स में इस बात पर विचार किया जाना चाहिए कि उस विषय से संबंधित ग्लोबल प्रैक्टिस और विदेश में चल रहे कानून क्या हैं. इसके साथ ही देश की वर्तमान स्थिति और भविष्य के रोड मैप को ध्यान में रखकर सभी नोट्स बनाए जाने चाहिए. पीएमओ ने यह भी कहा है कि जो भी नोट्स अंतर मंत्रालयी परामर्श के लिए भेजा जाए उसकी प्रति पीएमओ और सचिवालय में जरूर भेजी जाए.
PMO को नोट की सभी प्रति भेजी जाएं
एक अगस्त को कैबिनेट सचिवालय ने सभी मंत्रालयों को भेजे इस पत्र में कहा है, ‘यह देखा गया है कि जब नोट अंतर-मंत्रालयी परामर्श के लिए भेजे जाते हैं, तो कुछ मंत्रालय/विभाग ड्राफ्ट (कैबिनेट) नोट की प्रति पीएमओ और कैबिनेट सचिवालय में नहीं भेज रहे हैं.’ पीएमओ ने कहा है कि 2015 में जो प्रक्रिया अपनाई गई थी, उसका अनुपालन नहीं किया जा रहा है. पीएमओ ने सख्त निर्देश देते हुए कहा है कि नोट को कैबिनेट में विचार के लिए रखे जाने से पहले उसकी सभी स्तरों पर सावधानीपूर्वक जांच करना आवश्यक है. इस निर्धारित प्रक्रिया का पालन करने से प्रस्ताव में विसंगतियों को दूर किया जा सकता है.
नोट्स में पांच नए कारक
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