दो नोटिस जारी होने के बावजूद नहीं चेत रहे… अब होगी कार्रवाई
इंदौर। निजी अस्पतालों (private hospitals) में आगजनी की घटनाओं को रोकने के लिए फायर एनओसी लेने की प्रक्रिया में अस्पताल विभाग को ठेंगा दिखा रहे हैं। शहर में चल रहे 300 से अधिक निजी अस्पताल (private hospitals) में से तीन ही अस्पतालों ने अब तक एनओसी जमा कराई है। दो नोटिस जारी होने के बाद अब विभाग कड़ी कार्रवाई करेगा।
जबलपुर के एक निजी अस्पताल में हुई आगजनी की घटना और मरीजों की मौत के बाद पूरे मध्यप्रदेश में अस्पतालों को फायर एनओसी लेने के लिए नोटिस जारी किए गए थे, लेकिन इंदौर शहर के तीन ही अस्पतालों में विभाग के इस निर्देश को मानते हुए एनओसी जमा कराई है। बाकी अस्पताल विभाग के अधिकारियों को ठेंगा दिखा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अब इन अस्पतालों को जहां रजिस्ट्रेशन निरस्त करने के नोटिस भेजने की शुरुआत करने जा रहे हैं, वहीं विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी। 2 और 6 अगस्त को विभाग द्वारा जारी किए गए नोटिस के बाद भी किसी भी अस्पताल ने फायर एनओसी, इलेक्ट्रिसिटी ऑडिट जैसी महत्वपूर्ण जानकारी साझा नहीं की है। जबलपुर में हुई आगजनी की घटना के बाद विभाग ने नोटिस जारी करके खानापूर्ति तो कर दी, लेकिन चौंका देने वाली बात तो यह है कि विभाग के अधिकारियों को अग्नि सुरक्षा एनओसी की आवश्यकता वाले अस्पतालों की जानकारी भी नहीं है। पिछले साल नवंबर में लगभग 128 निजी अस्पतालों का अग्नि सुरक्षा उपायों का ऑडिट किया गया था, जिसमें 100 अस्पतालों में कमियां पाई गई थीं।
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