लंदन। भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने पर भारतीय नौसेना के आठ जहाजों ने छह महाद्वीपों, तीन महासागरों और छह अलग-अलग बंदरगाहों पर तिरंगा फहराया। भारतीय नौसेना (Indian Navy) का सबसे पुराना सेल ट्रेनिंग शिप आईएनएस तरंगिनी (INS Tarangini) ने यूरोपीय महाद्वीप ब्रिटेन (UK) में भारतीय नौसेना का प्रतिनिधित्व किया।
मेड-इन-इंडिया नौसैनिक जहाज आईएनएस तरंगिनी को भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ (75th Anniversary of India Independence) के अवसर पर ब्रिटेन के पूर्वी लंदन के टेम्स क्वे (Thames Quay) में डॉक किया गया था, जो इस सप्ताह भारतीय प्रवासियों (Indian Diaspora) के लिए उत्सव का केंद्र बिंदु रहा। आईएनएस तरंगिनी के चालक दल ने राष्ट्रमंडल स्मारक द्वार पर दो विश्व युद्धों के दौरान अंतिम बलिदान देने वाले भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
रविवार (14 अगस्त) को कमांडिंग ऑफिसर प्रवीण कुमार और उनकी टीम का डॉक पर भव्य स्वागत किया गया। इसके बाद सोमवार शाम को 76वें स्वतंत्रता दिवस (76th Independence Day) के अवसर पर लंदन में भारतीय उच्चायोग (Indian High Commission) ने कैनरी घाट पर, जहां जहाज को रखा गया है, एक स्वागत समारोह का आयोजन किया। इस दौरान गोवा में बने थ्री-मास्टेड बार्क (Three-Masted Barque) ने सैकड़ों आगंतुकों को आकर्षित किया।
भारतीय उच्चायोग में नौसेना सलाहकार कोमोडोर अनिल जग्गी ने कहा कि आईएएनएस तरंगिनी दुनियाभर में दोस्ती के पुल बनाने के लिए यात्राएं कर रही हैं और भारत के स्वतंत्रता दिवस पर लंदन में इसकी उपस्थिति इस समारोह को और विशेष बनाती है। तरंगिनी नाम हिंदी शब्द तरंग से लिया गया है, जिसका अर्थ है लहरें। इसलिए तरंगिनी का अर्थ है ऐसा जहाज जो लहरों की सवारी करती है। उन्होंने कहा, मैं पुष्टि करता हूं कि वह लहरों की सवारी करती है लेकिन रोलिंग और पिचिंग के अपने हिस्से के साथ। यह जहाज निश्चित रूप से डरपोक लोगों के लिए नहीं है।
भारतीय नौसेना में 1997 में शामिल होने वाले इस लंबे नौकायन जहाज के बारे में अधिक जानकारी देते हुए कमांडर प्रवीण कुमार ने कहा, आईएनएस तरंगिनी भारतीय नौसेना के दक्षिणी नौसेना कमान के पहले प्रशिक्षण दस्ते का हिस्सा है और यह दक्षिणी भारतीय राज्य केरल के कोच्चि में स्थित है। जहाज की प्राथमिक भूमिका नौसेना में कैरियर की शुरुआत करने वाले अधिकारी कैडेटों में साहस, सौहार्द और धीरज के समय-सम्मानित गुणों को बढ़ावा देना है।
थेम्स नदी के तट पर स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान सबसे पहले इस जहाज के डेक पर तिरंगा फहराया गया और राष्ट्रगान गाया गया। इसके बाद पंजाबी ढोल की धुन और शास्त्रीय नृत्य और संगीत का प्रदर्शन किया गया। इस मौके पर ब्रिटेन में कार्यवाहक भारतीय उच्चायुक्त सुजीत घोष ने कहा कि भारत की 75 वर्षों की यात्रा वास्तव में उल्लेखनीय रही है। हम एक युवा राष्ट्र हैं, हम अपने पूर्वजों के मूल्यों और ज्ञान में निहित एक प्राचीन सभ्यता भी हैं।
उन्होंने कहा कि साझा मूल्यों और सिद्धांतों वाले दो महान लोकतंत्रों के रूप में, भारत-ब्रिटेन की साझेदारी हमारे लोगों की सुरक्षा और समृद्धि और वैश्विक भलाई में योगदान देगी। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ब्रिटेन के चीफ ऑफ ज्वाइंट ऑपरेशंस लेफ्टिनेंट जनरल चार्ली स्टिकलैंड रहे। समारोह में ब्रिटेन में भारतीय प्रवासियों के प्रतिनिधियों, सांसदों और समुदाय के नेताओं ने भी भाग लिया।
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