टोरंटो। उत्तरी अमेरिका (North America) में हाल ही में आसमान एकदम से गुलाबी हो गया. गुलाबी रोशनी की एक तेज किरण तारों से भरे आसमान में बीच से चीरती हुई निकल गई. तारों की निगरानी करने वालों ने इसका वीडियो बनाया और फोटो लिया. इसे देख कर लगेगा कि ये नॉर्दन लाइट्स (Northern Lights) यानी अरोरा (Aurora) है. लेकिन ऐसा नहीं था.
उत्तरी अमेरिका और दक्षिणी कनाडा (southern canada) के आसमान में पिछले रविवार को ये प्राकृतिक अजूबा देखने को मिला. पहले तो वैज्ञानिकों को यही लगा कि ये नॉर्दन लाइट्स हैं. लेकिन ऐसा नहीं था. इस जादुई नजारे को असल में स्टीव (STEVE) बोलते हैं. जिसका पूरा नाम होता है स्ट्रॉन्ग थर्मल एमिशन वेलोसिटी एनहैंसमेंट (Strong Thermal Emission Velocity Enhancement).
STEVE आमतौर पर गुलाबी रोशनी (pink light) की तेज लहर होती है. जिसके आसपास हरे रंग की रोशनी भी बनती दिखती है. नॉर्दन लाइट्स की तरह ये सौर तूफान के आवेषित कणों से नहीं बनते. वैज्ञानिक(Scientist) इनके बनने की प्रक्रिया को अभी तक ढंग से समझ नहीं पाए हैं. आसमान में चमकने वाली रोशनियों को दो तरह से विभाजित किया जाता है. पहला- एयरग्लो (Airglow) और दूसरा अरोरा (Aurora).
स्टीव (STEVE) की खोज किसी वैज्ञानिक ने नहीं की थी. बल्कि लोगों ने की थी. बात 2015-16 की है जब फेसबुक (Facebook) पर कुछ लोगों ने पहली बार वर्टिकल अरोरा जैसी रोशनी को चलते देखा था. इसके बाद सिटिजन साइंटिस्ट ऐसी रोशनियों के पीछे पड़ गए. बड़े वैज्ञानिक भी इस पर रिसर्च करने लगे. लेकिन अभी तक वैज्ञानिक यह पता नहीं कर पाए हैं कि यह रोशनी कैसे आयनोस्फेयर (Ionosphere) में यात्रा करती है. अगर यह समझ में आ गया तो यह भी पता चल जाएगा कि यह रेडियो कम्यूनिकेशन और जीपीएस को कितना प्रभावित करती है.
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