नई दिल्ली । शादी ब्याह (wedding) और धार्मिक कर्मकांड (Religious ritual) को लेकर हर देश और प्रदेश में अलग अलग कानून (law) होते हैं. अलग अलग प्रथाएं और रीति-रिवाज (customs and traditions) होते हैं. एक समय था जब हर तरफ बहुविवाह की प्रथा थी. लेकिन धीरे धीरे हर जगह से ये कुप्रथा समाप्त हो गयी. लेकिन एक देश अब भी ऐसा है जहां पर एक नहीं बल्कि दो शादियां की जाती है. मर्दों (men) के लिए दो शादियां करना कानूनी तौर पर अनिवार्य है. ऐसा करने से मना करने पर उनके खिलाफ़ कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है. पत्नियां भी पति को दूसरी पत्नी लाने से नहीं रोक सकती.
अफ्रीका महाद्वीप के देश इरीट्रिया में मर्दो को दो शादियां करना अनिवार्य है. ऐसा करने से मना करने पर उम्रकैद की सजा हो सकती है. महिलाएं भी पति को दूसरी शादी करने से नहीं रोक सकती वरना उनके खिलाफ़ भी कानूनी कार्रवाई होगी. इस अजीबोगरीब प्रथा के पीछे देश में महिलाओं की ज्यादा संख्या को वजह बताया जा रहा है.
न चाहते हुए भी दो शादियां है मजबूरी
आप चाहें या न चाहें, आप खुश हो या फिर दुखी, आप भले लाख आपत्ति करें लेकिन समाज आपकी दो-दो शादियां करवा कर ही मानेगा. ना चाहते हुए भी आपको दो-दो पत्नियों को संभालना ही पड़ेगा. ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि एक देश का कानून यही कहता है. अफ्रीकी महाद्वीप के एक देश में हर मर्द को दो शादियां करना कानूनी रूप से अनिवार्य है. अजीब बात यह है कि आप ऐसा करने से इनकार भी नहीं कर सकते, वरना आप आजीवन कारावास के भोगी हो सकते हैं. पत्नियां भी इस पर आपत्ति दर्ज नहीं कर सकती वरना उनके खिलाफ़ भी कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है.
पुरुषों की तुलना में महिलाओं की ज्यादा आबादी है वजह
इस अजीबोगरीब कानून के पीछे वजह है इरिट्रिया में महिलाओं के अनुपात में पुरुषों की बेहद कम संख्या. जिससे बैलेंस करने का यही तरीका है कि हर एक पुरुष दो दो महिलाओं के साथ विवाह करें.अगर कोई मर्द केवल एक पत्नी रखता है तो वो कानून का मुजरिम बन जाता है. हालांकि अफ्रीका महाद्वीप का देश एरिट्रिया अपने अजीबोगरीब प्रथा को लेकर आलोचना का शिकार होता रहा है. लेकिन अपने देश के भीतर की समस्या को सुलझाने के लिए चौतरफा आलोचना के बाद भी कई देश ऐसे अजीब फैसले लेने और कानून बनाने को मजबूर होते ही है जो उन्हें अपनी जगह को बैलेंस करने के लिए ज़रूरी लगे. ठीक वैसे ही जैसे हर देश में विवाह नौकरी या ड्राइविंग लाइसेंस जैसी सामान्य चीजों में भी उम्र का दायरा अलग अलग है. सजा और प्रावधान भी अलग अलग ही है.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved