इन्दौर। लोकायुक्त पुलिस (Lokayukta Police) ने नगर निगम रीजनल पार्क के प्रभारी, सहायक यंत्री के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज किया है। उसके यहां छापा न मारते हुए पुलिस ने गोपनीय जांच कर केस दर्ज किया। बताते हैं कि उसकी आय से 40 प्रतिशत संपत्ति अधिक मिली। उसने ज्यादा प्रॉपर्टी पत्नी के नाम से खरीदी और लॉकडाउन में भी फ्लैट खरीदे।
लोकायुक्त एसपी एसएस सराफ (Lokayukta SP SS Saraf) को कुछ दिन पहले नगर निगम के रीजनल पार्क के प्रभारी और सहायक यंत्री देवानंद पाटिल के खिलाफ शिकायत मिली थी। इसमें उसकी संपत्ति की जानकारी दी गई थी। लोकायुक्त पुलिस ने छापे की कार्रवाई नहीं कर गोपनीय जांच की, जिसमें पाटिल की करोड़ों की संपत्ति की जानकारी मिली। इसके बाद लोकायुक्त पुलिस ने पाटिल के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज कर लिया। बताते हैं कि जांच में पुलिस को पता चला कि उसके पास तीन फ्लैट, एक बंगला, तीन प्लॉट, कृषि भूमि के अलावा गाडिय़ां और अन्य संपत्ति है। प्रारंभिक जांच में ही इतनी प्रॉपर्टी सामने आ गईं कि केस दर्ज कर लिया गया। बताते हैं कि उसने सबसे अधिक संपत्ति पत्नी के नाम से खरीदी। यही नहीं, जब लॉकडाउन के कारण लोगों की नौकरी चली गई थी, तब भी उसने दो प्रॉपर्टी खरीदी थीं। इस प्रॉपर्टी को खरीदने के बाद ही उसकी शिकायत हुई थी। पुलिस उसके बैंक खातों, लॉकर और अन्य जानकारी जुटा रही है। बताते हैं कि अब तक की जांच में पाटिल के वेतन से 40 प्रतिशत अधिक संपत्ति होने के प्रमाण लोकायुक्त पुलिस को मिल चुके हैं।
लगातार पकड़ा रहे नगर निगम के धनकुबेर
कुछ सालों से नगर निगम के कई भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू कार्रवाई कर चुकी है। जहां बेलदार असलम के यहां छापा मरा गया था, वहीं लोकायुक्त ने कुछ दिन पहले सुधीर सक्सेना को रिश्वत लेते ट्रैप किया और फिर उसके यहां छापे की कार्रवाई कर करोड़ों की संपत्ति का खुलासा किया था। वहीं ईओडब्ल्यू ने कुछ दिन पहले मुकेश पांडे के यहां छापा मारकर उसकी करोड़ों की संपत्ति का खुलासा किया था।
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