भोपाल। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक सुरेन्द्र नाथ सिंह इस बार निकाय चुनाव में पूरी तरह से हासिए पर जा चुके हैं। जिला भाजपा ने चुनाव में उन्हें पूरी तरह से नजरअंदाज किया। यह वजह है कि भोपाल में पटिए (जमीन) पर बैठकर राजनीति करने सुरेन्द्र नाथ सिंह की पीड़ी सामने आ गई है। उन्होंने सोशल मीडिया पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के उन्हें पंक्तियों को दोहराया है, जो सिंधिया ने कांग्रेस छोडऩे से पहले लिखी थीं। सुरेन्द्र नाथ ने लिखा कि ‘उसूलों पर आंच आए तो टकराना जरूरी है, जिंदा हो तो जिंदा नजर आना जरूरी है। भाजपा में इसे सुरेन्द्र नाथ सिंह की नाराजगी से जोड़कर देखा जा रहा है।
क्योंकि निगम चुनाव से लेकर परिषद के गठन तक उनकी कोई पूछपरख नहीं हुई। यहां तक जिला भाजपा इकाई ने उन्हें पूरी तरह से नजरअंदाज किया है। सुरेन्द्र नाथ की गिनती भाजपा के उन नेताओं में होती है, जो शुरू से ही पार्टी से जुड़े हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ भाजपा के लिए संघर्ष किया। बाद में वे विधायक बने और भोपाल जिला भाजपा के लंबे समय तक अध्यक्ष भी बने रहे। नाथ ने लिखा है कि ‘मेरे जीने का तरीका थोड़ा अलग है जानी, ओये मैं उम्मीद पे नहीं अपनी जिद पे जीता हूं।
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